Chitragupta Puja 2022: आज भाई दूज पूजा के साथ चित्रगुप्त पूजा भी की जा रही है। कायस्थ समाज के लोग इस पूजा को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं। ऐसा कहा जाता है की इस दिन नए खाताबही, कलम, दवात का पूजन करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चित्रगुप्त महाराज ब्रह्म देव की काया यानि शरीर से उत्पन्न हुए थे, इसलिए उनको कायस्थ कहा जाता है। इसी कारण उन्हें ब्रहा देव ने उनको जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा रखने की जिम्मेदारी दी है। चित्रगुप्त पूजा करने से बुद्धि, विद्या और लेखन में महारत हासिल होती है।
चित्रगुप्त पूजा मुहूर्त 2022
- कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि की शुरूआत: 26 अक्टूबर, दोपहर 03 बजकर 35 मिनट से
- कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि की समाप्ति: आज, 27 अक्टूबर, दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर
- सर्वार्थ सिद्धि योग: दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से कल सुबह 06 बजकर 30 मिनट तक
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चित्रगुप्त पूजा मंत्र
पूजन की सही विधि
- कहा जाता है की इस पूजा को सही तरीके से करने से बुद्धि, विद्या की प्राप्ति होती है। इस लिए सबसे पहले इस शुभ मुहूर्त में पूर्व दिशा में चौक बना कर एक चौकी रख दें। फिर चौकी के ऊपर कपड़ा रखकर उस पर चित्रगुप्त महाराज की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- साथ ही उस चौकी में ही नई कलम, दवात और खाताबही रखें और पूजा करें।
- फिर चित्रगुप्त भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर उन पर चंदन, अक्षत्, फूल, फल, वस्त्र, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
- साथ ही इस दौरान पूजा मंत्र ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमःका उच्चारण करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)