Chhath Puja 2022 Nahay Khay: नहाय खाय से शुरू हुआ महापर्व छठ, जानें इस दिन का धार्मिक महत्व
Nahay Khay 2022: आज देश के कई हिस्सों में छठ का पहला दिन नहाय खाय मनाया जाएगा। आज के दिन छठ का व्रत रखने वाली महिलाएं सात्विक भोजन करेंगी। नहाय खाय के साथ ही छठ पूजा की शुरुआत होती है।
Chhath Puja 1st Day Nahay Khay: आज नहाय खाय के साथ महापर्व छठ की शुरुआत हो रही है। व्रतियों के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण रखता है। नहाय खाय के दिन व्रत रखने वाली महिलाएं सिर्फ एक समय भोजन ग्रहण करती हैं। हिंदू पंचाग के मुताबिक, हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय पड़ता है। नहाय खाय के साथ ही छठ व्रत रखने वाली महिलाओं का इस पर्व की पवित्रता कायम रखना होता है।
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नहाय खाय (Nahay Khay)
छठ के पहले दिन नहाय खाय (Nahay Khay 2022) रहता है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं प्रात:काल उठकर स्नान कर नए वस्त्र धारण करती हैं। इसके बाद भगवान सूर्य की पूजा अर्चना की जाती है। नहाय खाय के दिन सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है। आज के दिन कद्दू की सब्जी, लौकी चने की दाल और भात भी खाया जाता है। वहीं नहाय खाय के दिन व्रती महिलाएं एक समय ही खाना खा सकती हैं। यहां यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि आज के खाने में लहसुन प्याज बिल्कुल न डालें।
नहाय खाय के दिन तैयार किया गया भोजन सबसे पहले व्रत रखने वाली महिलाओं को परोसा जाता है। इसके बाद ही परिवार के अन्य सदस्य इस भोजन को ग्रहण कर सकते हैं। वहीं आज के इस पावन दिन परिवार के सभी सदस्यों को भी सात्विक भोजन करना चाहिए। व्रतियों का पूरे चार दिन लहसुन, प्याज से दूर रहना चाहिए। दरअसल, कहते हैं कि तीज त्योहार में इसके सेवन से पवित्रता भंग हो जाती है।
छठ पूजा का महत्व
छठ का पर्व प्रकृति को समर्पित है। छठ पूजा ही है जिसमें डूबते सूर्य की उपासना की जाती है। मान्यता है कि छठी मईया की पूजा करने से संतान को दीर्घायु की प्राप्ति होती है। इसके साथ संतान सुख के लिए भी छठ का व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में छठ पूजा का महत्व काफी अधिक है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी से शुरू होने वाले इस व्रत को छठ पूजा, सूर्य षष्ठी पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है।
महापर्व छठ की महत्वपूर्ण तारीखें
- पहला दिन- नहाय खाय ( 28 अक्टूबर, 2022)
- दूसरा दिन- खरना (29 अक्टूबर, 2022)
- तीसरा दिन- छठ पूजा, पहला अर्घ्य (30 अक्टूबर, 2022)
- चौथा दिन- पारण, सुबह का अर्घ्य (31 अक्टूबर, 2022)
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)