Chhath Puja 2022: आज छठ पूजा में सूर्य को संध्या अर्घ्य देते समय भूलकर भी न करें ये गलती, वरना नहीं मिलेगा आशीर्वाद
CChhath Puja 2022: छठ पूजा में संध्या अर्घ्य देते समय इन कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान देना होता है। चलिए आपको बताते हैं सूर्य को अर्घ्य देते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
Chhath Puja 2022: चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत हो चुकी है। छठ के पर्व पर लोग आस्था भाव में डूबे हुए दिखाई देते हैं। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व छठ में षष्ठी तिथि का दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है। आज यानी 30 अक्टूबर को डूबते हुए सूर्य को संध्या अर्घ दिया जाएगा और कल सुबह छठ व्रती महिलाएं उगते हुए सूरज को अर्घ देंगी। आपको बता दें छठ पर्व के मुख्य दिन आपको इन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। चलिए आपको बताते हैं वो बातें कौन सी हैं।
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व्रती महिलाएं संध्या अर्घ पर इन बातों का रखें ध्यान
- छठ पर्व में सूर्य को अर्घ्य देते वक्त चांदी, स्टील या प्लास्टिक का बर्तन इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। पूजा के लिए प्रसाद बनाते वक्त साफ-सफाई का ध्यान देना चाहिए। पूजा के किसी भी सामान को गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए। अगर ऐसा होता भी है तो तुरंत छठी मइया से माफी मांग लेनी चाहिए।
- इस दिन सात्विकता का भी विशेष ध्यान रखें। इस दिन घर में किसी भी प्रकार से तामसिक गुणों वाली चीजों का इस्तेमाल करने से परहेज करें और न ही ऐसी चीजों को घर में रखें। यहां तक कि छठ के दौरान घर में लहसुन और प्याज को भी बाहर कर दें।
- व्रत के दौरान सिर्फ तन ही नहीं मन का शुद्ध होना भी आवश्यक है। इसलिए भूलकर भी इस दिन किसी के साथ अपशब्दों का इस्तेमाल न करें और न ही किसी के लिए मन में दुर्भावना रखें।
- अर्घ्य देते वक्त सूर्य को जल की धारा से देखने का महत्व है। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद तीन बार परिक्रमा जरूर लगाएं। इसके साथ ही सूर्य को अर्घ्य देते समय दोनों हाथ सिर के ऊपर होना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि अर्घ्य देते वक्त जल की धारा बहुत तेज न हो और एक साथ सारा जल अर्पित नहीं करना चाहिए।
- सूर्योदय के समय जल चढ़ाते वक्त चेहरा पूर्व दिशा की ओर रखें। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि सूर्य अर्घ्य के बाद अंजुली अपनी चारों ओर छिड़कें। ऐसा करने के बाद ही सूर्य अर्घ्य पूरा होता है।
- छठ पूजा का फल पाने के लिए कई बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। तीसरे दिन सूर्यास्त और फिर चौथे दिन सूर्योदय के अर्घ्य के बाद व्रत का पारण करें। छठ पूजा के समापन से पहले किसी भी व्यक्ति को प्रसाद झूठा न करने दें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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