Annapurna Jayanti 2023 Upay: आज से 21 दिनों के दौरान कर लें ये उपाय, मां अन्नपूर्णा कुबेर समान धन-अन्न से भर देंगी घर
Annapurna Jayanti 2023 Upay: बुधवार से 21 दिवसीय अन्नपूर्णा पूजा शुरू हो रही है। इस दौरान कुछ खास उपायों को करने से घर में अन्न-धन की कभी कमी नहीं होती है।
Annapurna Jayanti 2023 Remedies: आज से 21 दिवसीय देवी अन्नपूर्णा की पूजा शुरू हो गई है। दरअसल, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर 21 दिनों के दौरान देवी अन्नपूर्णा की विशेष रूप से पूजा और व्रत का विधान है। देवी अन्नपूर्णा पार्वती जी का ही एक रूप हैं। इनकी आराधना से व्यक्ति को धन-धान्य, सुख-समृद्धि, यश, कीर्ति, अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु, सब कुछ मिलता है। आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि अगले 21 दिनों के दौरान किन उपायों को करना चाहिए।
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अगर आप जीवन में खूब धन-दौलत कमाना चाहते हैं, तो आज आपको देवी अन्नपूर्णा की पूजा के बाद उनके इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है- ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं नमो भगवति माहेश्वरि अन्नपूर्णे स्वाहा। वैसे तो इस मंत्र का पुरश्चरण एक लाख जप है, लेकिन आज इस मंत्र का केवल 108 बार जप करने से भी आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
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अगर आप धन के साथ ही अपने अन्न के साधनों में भी बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो आज आपको देवी अन्नपूर्णा की पूजा के बाद परिवार के साथ मिलकर पके हुए चावल में घी मिलाकर 108 आहुतियां देनी चाहिए।
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अगर आप अपने ज्ञान को बढ़ाना चाहते हैं और अपने जीवन में बरकत लाना चाहते हैं, तो आज आपको देवी मां के इस श्लोक का 21 बार पाठ करना चाहिए। श्लोक इस प्रकार है- अन्नपूर्णे सदा पूर्णे शंकर प्राण वल्लभे। ज्ञान वैराग्य सिद्ध्य भिक्षां देहि च पार्वति।।
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आज आपको एक कच्चे सूत का धागा लेकर, उसे हल्दी से रंगकर देवी मां के चरणों में स्पर्श कराकार अपने गले या अपने हाथ में धारण करना चाहिए और अगले 21 दिनों तक उसे धारण किये रहना चाहिए। 21वें दिन देवी मां का आशीर्वाद लेकर उस धागे को खोल दें और बहते जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से आपकी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी जल्द ही दूर होगी और आप अपने धन-दौलत का उचित फायदा उठाने में समर्थ होंगे।
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अगर आप मां अन्नपूर्णा की कृपा से इच्छित फल की प्राप्ति करना चाहते हैं तो आज आपको मंत्र महोदधि में दिये गये मां अन्नपूर्णा के इस विशेष मंत्र का 51 बार जप करना चाहिए। मंत्र है– ऊँ ह्रीं नमो भगवति माहेश्वर्य अन्नपूर्णे स्वाहा।
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आज आपको देवी मां के आगे घी का दीपक जलाकर अन्नपूर्णा स्तोत्र का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। आज ऐसा करने से आपके घर की लक्ष्मी स्थिर रहेगी और घर में नई चीजों की बढ़ोतरी होती रहेगी।
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अगर आप चाहते हैं कि आपके परिवार पर कभी कोई ऐसी नौबत न आये, जब पके बच्चों को बिना भोजन के सोना पड़े, तो ऐसी स्थिति से बचे रहने के लिए आज आपको देवी मां के मंदिर बाजरे का दान करना चाहिए।
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आज आपको एक 5 मुखी रुद्राक्ष, एक साबुत हल्दी, गोमती चक्र, कौड़ी और गुंजाफल के दाने लेकर एक लाल रंग के कपड़े में बांधकर सौभाग्य पोटली बनानी चाहिए और उसे देवी अन्नपूर्णा के चरणों में रखना चाहिए। अब देवी मां की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए और पूजा के बाद भी उस सौभाग्य पोटली को वहीं पर रखा रहने दें। फिर अगले 21 दिनों तक ऐसे ही रोज स्नान आदि के बाद देवी मां की पूजा करनी चाहिए। आखिरी दिन पूजा के बाद उस सौभाग्य पोटली को उठाकर अपने पति या पत्नी को अपने पास संभालकर रखने के लिए दे दें। आज ऐसा करने से आपके पति या पत्नी के सुख-सौभाग्य को लगी नजर जल्द ही दूर होगी और उनके साथ ही आपके जीवन में भी खुशहाली आएगी।
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अगर आप कुबेर के समान धन से युक्त होना चाहते हैं और खूब मान-सम्मान पाना चाहते हैं, तो आज आपको मां अन्नपूर्णा के यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। आज मां अन्नपूर्णा का यंत्र लेकर, उसे एक साफ बर्तन में रखकर, संभव हो तो तांबे के बर्तन में रखकर उसे घी से स्नान कराना चाहिए। फिर उस पर दूध की धारा डालनी चाहिए और फिर जल डालकर साफ कपड़े से पोंछना चाहिए। इसके बाद 'ऊँ ह्रीं अन्नपूर्णे पद्मासनाय नमः'। मंत्र पढ़ते हुए पुष्पों के आसन पर यंत्र को स्थापित करना चाहिए और उसकी विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद उस यंत्र को घर में उचित स्थान पर स्थापित कर लें।
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अगर आप जीवन में खूब यश-कीर्ति पाना चाहते हैं तो आज आपको मां अन्नपूर्णा के सामने गेहूं की ढेरी पर घी का एक दीपक जलाना चाहिए और उनसे हाथ जोड़कर प्रार्थना करनी चाहिए।
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अगर आप जीवन में आर्थिक तंगी से बचे रहना चाहते हैं, तो आज आपको देवी मां के सामने 5 कौड़ियां रखकर उनकी विधिवत पूजा करनी चाहिए और पूजा के बाद उन्हें संभालकर अपनी तिजोरी में रख लेना चाहिए।
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अगर आप अपने भौतिक सुख-साधनों में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो आज आपको देवी मां के सामने नतमस्तक होकर उन्हें पुष्प अर्पित करने चाहिए। साथ ही देवी मां को इत्र की शीशी भी चढ़ाएं और कुछ देर बाद उस इत्र की शीशी को उठाकर अपने पास रख लें और रोज सुबह स्नान के बाद उसका नियमित रूप से इस्तेमाल करें।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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