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Hindi News धर्म त्योहार अक्षय तृतीया को कौन से भगवान की पूजा होती है? साल 2024 में कितने बजे से पूजा शुरू होगी, जानें

अक्षय तृतीया को कौन से भगवान की पूजा होती है? साल 2024 में कितने बजे से पूजा शुरू होगी, जानें

अक्षय तृतीया को पुण्य तिथियों में से एक माना जाता है। इस दिन किन देवी-देवताओं की पूजा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है, जानें हमारे लेख में।

Akshay Tritiya - India TV Hindi Image Source : FILE Akshay Tritiya

अक्षय तृतीया हिंदू धर्म की शुभ तिथियों में से एक है। इस दिन को सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में भी जाना जाता है, यानि इस दिन बिना पंचांग देखे भी आप कोई शुभ कार्य शुरू कर सकते हैं। माना जाता है कि अगर इस दिन परोपकार करके हम दूसरों का आशीर्वाद लेते हैं तो हमें अक्षय आशीर्वाद की प्राप्ति भी होती है। इसके साथ ही अक्षय तृतीया पर देवी-देवताओं की पूजा आराधना करना भी शुभ-फलदायक होता है, ऐसे में आइए जानते हैं कि भक्तों को किन देवी-देवताओं की पूजा-आराधना इस दिन करनी चाहिए, और इससे कैसे फल भक्तों को प्राप्त होते हैं। 

अक्षय तृतीया के दिन इन देवी-देवताओं की होती है पूजा

अक्षय तृतीया के दिन यूं तो आप किसी भी देवी-देवता की पूजा कर सकते हैं लेकिन विशेष रूप से इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और धन के देवता कुबेर की पूजा करने का विधान है। इसके साथ ही माना जाता है की परशुराम जी का जन्म भी इसी दिन हुआ था, परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार माने गए हैं इसलिए परशुराम जी की पूजा भी इस दिन की जाती है। अक्षय तृतीया के दिन अगर आप विधि-विधान से भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा करते हैं तो आपके जीवन में बरकत आती है। गणेश जी आपको बुद्धि और ज्ञान प्रदान करते हैं वहीं माता लक्ष्मी और कुबेर की कृपा से आपके जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती। 

अक्षय तृतीया 2024 शुभ पूजा मुहूर्त 

वैसे तो अक्षय तृतीया को सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में जाना जाता है लेकिन इस दिन देवी-देवताओं की पूजा के लिए शुभ-मुहूर्त क्या रहेगा, ये देखना भी जरूरी होता है। साल 2024 में पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 33 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।

अक्षय तृतीया के दिन ऐसे करें पूजा

अक्षय तृतीया के दिन आपको सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए और स्वच्छ होने के बाद घर के पूजा स्थल की भी सफाई करनी चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव जी की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। पूजा की शुरुआत आपको भगवान गणेश की आराधना से करनी चाहिए। इसके बाद माता लक्ष्मी की पूजा में आपको कमल का फूल, कमलगट्टा, हल्दी, नैवद्य आदि अर्पित करने चाहिए। आप इस दिन माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रीसुक्त या फिर कनकधारा स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। पूजा के दौरान आपको कुबेर देव के मंत्र 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः' का जप करना चाहिए। पूजा के बाद आप खरीदारी कर सकते हैं और जरूरतमंदों को दान कर सकते हैं। इस दिन खरीदारी करने और दान करने से आपको अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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