Ahoi Ashtami 2022: हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन माताएं अपनी संतान की दीर्घायु और सुखी जीवन की कामना के लिए निर्जला उपवास करती हैं। अहोई अष्टमी के व्रत में अहोई माता की पूजा का विधान है। साथ ही दीवार पर सेई और उसके बच्चों का चित्र बनाकर भी पूजा की जाती है। कहते हैं कि अहोई अष्टमी का व्रत करने से संतान के मंगलकारी जीवन का वरदान प्राप्त होता है। ये व्रत 10 खास चीजों के बगैर बिल्कुल अधूर है। आइए आज आपको अहोई अष्टमी के व्रत में प्रयोग होने वाली सामग्री के बारे में बताते हैं।
अहोई अष्टमी तिथि
अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक कृष्ण अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस बार अष्टमी तिथि सोमवार, 17 अक्टूबर 2022 को सुबह 09 बजकर 29 मिनट से लेकर अगले दिन यानी मंगलवार, 18 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक रहेगी।
इन 10 चीजों के बगैर अधूरा है अहोई का व्रत
वैसे तो अहोई अष्टमी के व्रत में कई चीजों का प्रयोग होता है, लेकिन 10 प्रमुख चीजों के बगैर ये व्रत बिल्कुल अधूरा है। अहोई के व्रत में चूड़ियां, कलावा, कच्चे चावल, गाय का दूध, मिट्टी का दीपक, मिठाई गाय का घी, सिंघाड़ा, करवा और अहोई व्रत कथा की किताब की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है।
अहोई व्रत की पूजन विधि
इस दिन दीवार पर अहोई माता, सेई और सेई के बच्चों की तस्वीर बनाएं। आप चाहें तो बाजार से इसका चित्र भी लेकर आ सकते हैं। अहोई माता को फल, फूल और मिठाई का भोग लगाएं। फिर गाय के घी का दीप प्रज्वलित कर अहोई माता की आरती उतारें। अब अहोई अष्टमी की कथा सुनें। शाम के समय तारे निकलने के बाद करवे से अर्घ्य दें और अहोई माता के साथ सेई और सेई के बच्चों की पूजा करें। उन्हें खीर, सिंघाड़े और मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद माता से हाथ जोड़कर अपने बच्चों के मंगलकारी जीवन की प्रार्थना करें।