कल मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा और गुरुवार का दिन है। पूर्णिमा सुबह 9 बजकर 37 मिनट तक रहेगी, उसके बाद पौष कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जायेगी। आज का पूरा दिन पार कर के देर रात 3 बजकर 12 मिनट तक साध्य योग रहेगा। आज दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा, उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र लग जायेगा। इसके अलावा आज स्नानदान की पूर्णिमा है।
रचनात्मक से भरपूर होते हैं मृगशिरा नक्षत्र में जन्मे लोग
आज दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा, उसके बाद मृगशिरा नक्षत्र लग जायेगा। आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से मृगशिरा पांचवां नक्षत्र है। मृगशिरा का अर्थ है - हिरण का सिर। इसी के आधार पर मृगशिरा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह भी हिरण के सिर को ही माना जाता है। मृगशिरा नक्षत्रव्यक्ति की चंचल, कोमल, सौम्य और कल्पनाशील स्वभाव की विशेषताओं को प्रदर्शित करता है। इस नक्षत्र के प्रभाव में आने वाला जातक सुंदर, व्यवहार कुशल, सामाजिक और रचनात्मक होता है। हालांकि ये लोग थोड़े शर्मीले और संकोची स्वभाव के होते हैं, जिसके कारण इन्हें दूसरे लोगों के साथ घुलने-मिलने में समय लगता है। इसके अलावा आपको बता दूं कि मृगशिरा नक्षत्र के पहले दो चरण वृष राशि में आते हैं, जबकि शेष दो चरण मिथुन राशि में आते हैं। इसके स्वामी मंगल है। साथ ही इस नक्षत्र का संबंध खैर के पेड़ से बताया गया है।
खैर वृक्ष की करें पूजा
जिन लोगों का जन्म मृगशिरा नक्षत्र में हुआ हो, उन लोगों को आज के दिन खैर के पेड़, जिससे पान में लगाने वाला कत्था बनता है, उसकी उपासना करनी चाहिए। साथ ही आज के दिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप खैर के पेड़ को किसी प्रकार का नुकसान ना पहुचाएं
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7।30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)