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Hindi News धर्म त्योहार 23 June 2024 Ka Panchang: जानिए रविवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

23 June 2024 Ka Panchang: जानिए रविवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

23 June 2024 Ka Panchang: आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए 23 जून 2024 का शुभ मुहूर्त क्या है। साथ ही जानें रविवार का राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय।

रविवार का पंचांग- India TV Hindi Image Source : INDIA TV रविवार का पंचांग

23 June 2024 Ka Panchang: आज आषाढ़ कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि और रविवार का दिन है। द्वितीया तिथि आज देर रात 3 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। आज दोपहर 2 बजकर 26 मिनट तक ब्रह्म योग रहेगा। साथ ही आज शाम 5 बजकर 4 मिनट तक पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रहेगा। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए रविवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय।

23 जून 2024 का शुभ मुहूर्त

  • आषाढ़ कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि- 23 जून 2024 को देर रात 3 बजकर 27 मिनट तक
  •  ब्रह्म योग- 23 जून को दोपहर 2 बजकर 26 मिनट तक
  • पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र- 23 जून 2024 को शाम 5 बजकर 4 मिनट तक

राहुकाल का समय

  • दिल्ली- शाम 05:37 से शाम 07:22 तक
  • मुंबई- शाम 05:39 से शाम 07:18 तक
  • चंडीगढ़- शाम 05:42 से शाम 07:28 तक
  • लखनऊ- शाम 05:19 से शाम 07:03 तक
  • भोपाल- शाम 05:27 से शाम 07:09 तक
  • कोलकाता- शाम 04:42 से शाम 06:24 तक
  • अहमदाबाद- शाम 05:46 से शाम 07:27 तक
  • चेन्नई- शाम 05:01 से शाम 06:38 तक

सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

  • सूर्योदय- सुबह 5:24 am
  • सूर्यास्त- शाम 7:21 pm

आषाढ़ का महीना

आषाढ़ महीने की शुरुआत हो चुकी है। आज आषाढ़ महीने का दूसरा दिन है। सनातन पंचांग के अनुसार आषाढ़ हिंदी कैलेंडर का चौथा महीना होता है। ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाली भयंकर गर्मी से आषाढ़ महीने में ही राहत मिलने के असार नजर आते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्सर जून या जुलाई महीने में आषाढ़ का महीना पड़ता है। इस वर्ष आषाढ़ का महीना बीते हुए कल यानि 22 जून से शुरू हो चुका
है और 21 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा।

पंचांग में सभी महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित हैं। प्रत्येक महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के नाम पर रखा गया है। आषाढ़ नाम भी पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्रों पर आधारित हैं। आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा इन्हीं दो नक्षत्रों में से एक नक्षत्र में रहता है। जिस कारण इस महीने का नाम आषाढ़ पड़ा है। बता दें कि इस वर्ष आषाढ़ महीने के उदया तिथि पूर्णिमा के दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रहेगा। माना जाता है कि इसी महीने से ही वर्षा ऋतु का आगमन भी हो जाता है। 

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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