A
Hindi News धर्म त्योहार 13 October 2024 Ka Panchang: जानिए रविवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

13 October 2024 Ka Panchang: जानिए रविवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

13 October 2024 Ka Panchang: आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए 13 अक्टूबर 2024 का शुभ मुहूर्त क्या है। साथ ही जानें रविवार का राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय।

रविवार का पंचांग- India TV Hindi Image Source : INDIA TV रविवार का पंचांग

13 October 2024 Ka Panchang: 13 अक्टूबर को आश्विन शुक्ल पक्ष की उदया तिथि दशमी और रविवार का दिन है। दशमी तिथि रविवार सुबह 9 बजकर 9 मिनट तक रहेगी, उसके बाद एकादशी तिथि लग जाएगी। आज देर 13 अक्टूबर को 2 बजकर 52 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। रविवार को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से पंचक प्रारंभ हो जाएंगे। इसके अलावा  13 अक्टूबर को सुबह 6 बजे शुक्र वृश्चिक राशि में प्रवेश कर चुके हैं। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए रविवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय।

13 अक्टूबर 2024 का शुभ मुहूर्त

  • आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि- 13 अक्टूबर 2024 को  सुबह 9 बजकर 9 मिनट तक रहेगी, उसके बाद एकादशी तिथि लग जाएगी
  • धनिष्ठा नक्षत्र- 13 अक्टूबर 2024 को देर रात 2 बजकर 52 मिनट तक 
  • पंचक प्रारंभ- 13 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से
  • शुक्र गोचर-   13 अक्टूबर को सुबह 6 बजे शुक्र वृश्चिक राशि में प्रवेश कर चुके हैं।

राहुकाल का समय

  • दिल्ली- शाम 04:27 से शाम 05:54 तक
  • मुंबई- शाम 04:49 से शाम 06:17 तक
  • चंडीगढ़- शाम 04:27 से शाम 05:54 तक
  • लखनऊ- शाम 04:13 से शाम 05:40 तक
  • भोपाल- शाम 04:29 से शाम 05:56 तक
  • कोलकाता- दोपहर बाद 03:45 से शाम 05:13 तक
  • अहमदाबाद- शाम 04:48 से शाम 06:16 तक
  • चेन्नई- शाम 04:22 से शाम 05:51 तक 

सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

  • सूर्योदय- सुबह 6:20 am
  • सूर्यास्त- शाम 5:53 pm

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

ये भी पढ़ें-

रावण की कौन सी इच्छाएं रह गईं थी अधूरी, अंतिम समय में लक्ष्मण जी से क्या कहा था लंकेश ने? दशहरे पर जानें ऐसी 10 रोचक बातें

नवरात्रि के बाद अखंड ज्योति, कलश में रखे सिक्के और जल का क्या करें? जान लें शास्त्रों में लिखे नियम

बांग्लादेश के जेशोरेश्वरी शक्तिपीठ में गिरा था माता का यह अंग, जान लें इस मंदिर का इतिहास और महत्व