Chankaya Niti: सुखी जीवन किसे नहीं चाहिए, इंसान संघर्ष करता है जिससे वो एक सुखी परिवार का हिस्सा बन सके। मगर जरूरी नहीं है कि हम जो सोचे वो हो ही जाए। आज हम आपको आचार्य चाणक्य की एक ऐसी नीति के बारे में बताने वाले हैं जिसे आपको जानना अत्यंत आवश्यक है। इन चीजों को लेकर अगर इंसान सतर्क हो जाए तो उसे सुखी जीवन मिल सकता है, क्योंकि इन चार लोगों के साथ रहना तो साक्षात मृत्यु के समान है।
श्लोक
दुष्टा भार्या शठं मित्रं भृत्यश्चोत्तरदायक:।
स-सर्पे च गृहे वासो मृत्युरेव न संशय:।।
दुष्ट पत्नी, चालाक मित्र, बदमाश नौकर और सर्प के साथ निवास साक्षात् मृत्यु के समान है।
दुष्ट पत्नी
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आपका जीवन कितना भी अच्छा क्यों न हो मगर यदि आपके घर में दुष्ट पत्नी है तो आपका घर कभी स्वर्ग नहीं बन सकता है और ऐसी पत्नी के साथ रहना मृत्यु से कम नहीं है, क्योंकि पति की सफलता में पत्नी का हाथ होता है, अगर पत्नी दुष्ट हो तो मनुष्य का जीवन बर्बाद हो जाता है।
चालाक मित्र
चाणक्य कहते हैं कि मित्र कम बनाओ लेकिन ऐसे बनाओ जो सच्चे हों, जो जरूरत पड़ने पर आपका साथ दें, वरना अगर जिंदगी में चालाक मित्र हों जो आपसे झूठ बोलें आपको धोखा दें, ऐसे मित्र का होना मतलब साक्षात मौत का साथ होना है। ऐसे मित्र हानि पहुंचाते हैं इसलिए इनसे दूरी बना लें।
धोखेबाज सेवक
चाणक्य के मुताबिक सेवक वो होना चाहिए जो वफादार हो। ऐसे सेवक जो बदमाश हो धोखेबाज हो ये आपको कभी भी फंसा सकते हैं और आपका फायदा उठाकर आपको ही परेशानी में डाल सकते हैं। आचार्य चाणक्य के मुताबिक ऐसे सेवकों का होना साक्षात मृत्यु के समान है।
ऐसे घर में रहना जहां सांप हो
अगर आप ऐसे घर में रह रहे हैं जहां सांप रहते हैं तो आप ये समझिए कि आप साक्षात मृत्यु के साथ रह रहे हैं। सांप का कोई भरोसा नहीं होता है वो कभी भी आपको काटकर आपको मृत्यु के मुख में पहुंचा सकता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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