Chanakya Niti: ऐसे लोगों से दोस्ती करने पर सिर्फ होता है नुकसान, कहीं आप भी तो नहीं रहते ऐसे लोगों के साथ?
Chanakya Niti: अच्छे लोगों से अगर आप दोस्ती करते हैं तो जीवन की कई मुश्किलें यूं ही आसान हो जाती हैं। वहीं गलत लोगों से दोस्ती करने पर आप हमेशा घाटे में रहते हैं। आचार्य चाणक्य ने भी अच्छे और बुरे दोस्तों के गुण बताए हैं। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि चाणक्य नीति के अनुसार हमें किस तरह के लोगों से दोस्ती करने से बचना चाहिए और कैसे लोगों से दोस्ती करके आप जीवन में हमेशा फायदे में रहते हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार ऐसे लोगों से न करें दोस्ती
उद्देश्यहीन: जो लोग जिम्मेदारियों को नहीं समझते और बिना उद्देश्य के जीवन भर भटकते रहते हैं। ऐसे लोगों से आपको हमेशा दूर रहना चाहिए। इस तरह के लोग अपना समय तो खराब करते ही हैं, साथ ही आपके कीमती समय की भी बर्बादी करते हैं। बिना किसी लक्ष्य और उद्देश्य के साथ जीवन जीने वाले व्यक्ति से आचार्य चाणक्य हमेशा दूर रहने को कहते हैं।
विश्वासघाती: ऐसे लोग जो अपने काम के समय तो आपसे सहायता मांगते हैं लेकिन आपकी सहायता करने के लिए कभी आगे नहीं आते उनसे आपको बचकर रहना चाहिए। कोई व्यक्ति आपका विश्वास बार बार तोड़े तो जितनी जल्दी हो उससे दूरी बना लें।
स्वार्थी: अगर कोई व्यक्ति अपने फायदे के लिए आपसे जुड़ा है और केवल अपना ही भला चाहता है तो उससे भी आपको दूरी बना लेनी चाहिए। स्वार्थी लोगों के बीच रहकर आप हमेशा परेशानियों में पड़ते हैं।
अनैतिक: जो लोग नीति के अनुसार नहीं चलते, धर्म के मार्ग से दूर रहते हैं, इस तरह के लोगों से भी आपको दोस्ती नहीं करनी चाहिए। इन लोगों से जुड़कर आप भी अधर्म के मार्ग पर चलने लगते हैं और आपका मानसिक विकास भी रुक जाता है।
अत्यधिक गुस्सैल: गुस्सैल लोगों से भी आपको दोस्ती करने से बचना चाहिए। गुस्से में व्यक्ति अपना अहित तो करता ही है, साथ ही साथ आपको भी परेशानियों में डाल सकता है। जो लोग अपने गुस्से पर काबू न कर पाएं उनसे दूर रहने की सलाह आचार्य चाणक्य देते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार अच्छे दोस्त में होती हैं ये खूबियां
संवेदनशील: मित्र वो है जो आपकी भावनाओं को समझे, अगर ऐसा कोई व्यक्ति आपके आसपास है तो उससे दोस्ती आपको जरूर करनी चाहिए।
ईमानदार: अच्छे दोस्त में यह गुण आपको अवश्य देखने को मिलेगा। ईमानदार व्यक्ति दोस्ती के रिश्ते को हमेशा निभाता है।
समान रुचि: अगर आपकी और किसी व्यक्ति की रुचियां एक जैसी हैं तो वो भी आपका अच्छा दोस्त बन सकता है।
स्वार्थहीन: दोस्ती के रिश्ते में जो स्वार्थ को जगह नहीं देता वही आपका सच्चा मित्र हो सकता है।
सहायता करने वाला: अगर जरूरत के समय दोस्त आपके काम आता है तो समझ जाइए वो आपका सच्चा मित्र है।
अगर आपके दोस्तों में भी ये गुण हैं तो समझ जाइए आप अच्छी संगत में हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-