Makar Sankranti 2022: कई सालों के बाद सूर्य और शनि का मिलन, मकर संक्रांति के दिन इन राशियों का होगा भाग्योदय
सूर्य के मकर राशि में इस प्रवेश से विभिन्न राशि वालों पर अलग-अलग प्रभाव होगा, कौन सी राशि के किस घर में सूर्य देव गोचर करेंगे
Highlights
- 14 जनवरी को सूर्यदेव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे
- 12 फरवरी की देर रात 3 बजकर 27 मिनट तक मकर राशि में ही गोचर करते रहेंगे ।
- जानिए सूर्य के गोचर करने से आपकी राशि पर क्या पड़ेगा प्रभाव
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार 14 जनवरी को सूर्य की मकर संक्रांति है यानि सूर्यदेव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 12 फरवरी की देर रात 3 बजकर 27 मिनट तक मकर राशि में ही गोचर करते रहेंगे। बता दें कि ऐसी कई सालों बाद होगा जब शनि और सूर्य दोनों ही एक साथ मकर राशि में प्रवेश करेंगे। माना जाता है कि ऐसा संयोग करीब 29 सालों बाद बन रहा है। इस संयोग का असर कुछ राशियों पर ज्यादा नजर आएगा।
बता दें कि सूर्य 12 फरवरी के बाद कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास या धनुर्मास भी समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही शादी-ब्याह आदि शुभ कार्य होना फिर से शुरू हो जाएंगे।
सूर्य के मकर राशि में इस प्रवेश से विभिन्न राशि वालों पर अलग-अलग प्रभाव होगा, कौन सी राशि के किस घर में सूर्य देव गोचर करेंगे और उनके शुभ फलों को सुनिश्चित करने के लिये तथा अशुभ फलों से बचने के आज सक्रांति से लेकर अगली संक्रांति तक कौन से उपाय करने चाहिए।
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मेष राशि
सूर्यदेव आपके दसवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान आपके करियर और पिता की उन्नति से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से करियर में आपको अपनी मेहनत का फल जरूर मिलेगा। आप काफी आगे बढ़ेंगे, साथ ही इस दौरान आपके पिता की भी तरक्की सुनिश्चित होगी। इस दौरान सूर्य के शुभ फल बनाये रखने के लिए सिर ढक कर रखें। इसके साथ ही काले और नीले रंग के कपड़े पहनना अवॉयड करें।
वृष राशि
सूर्यदेव आपके नवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में नवां स्थान भाग्य का स्थान है। इस स्थान पर सूर्य के गोचर से आपके भाग्य में वृद्धि होगी। आप अपने काम में जितनी मेहनत करेंगे, उसका शुभ फल आपको अवश्य ही मिलेगा, साथ ही धार्मिक कार्यों में भी आपकी रुचि बढ़ेगी। अगले संक्रांति तक सूर्य के शुभ फलों को सुनिश्चित करने के लिये घर में पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल करें। साथ ही प्रतिदिन सूर्यदेव को नमस्कार करें।
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मिथुन राशि
सूर्यदेव आपके आठवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान आयु से संबंध रखता है। इस स्थान पर सूर्य के गोचर से आपकी आयु में वृद्धि होगी और आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। इस दौरान सूर्य के शुभ फल सुनिश्ति करने के लिए काली गाय या बड़े भाई की सेवा करें।
कर्क राशि
सूर्यदेव आपके सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान जीवनसाथी का होता है। इस स्थान पर सूर्य के गोचर से जीवनसाथी के साथ आपका तालमेल ठीक बना रहेगा और आपका वैवाहिक जीवन खुशहाल रहेगा। अगली संक्रांति तक सूर्यदेव के इस गोचर का शुभ फल बनाये रखने के लिए स्वयं भोजन करने से पहले किसी दूसरे व्यक्ति को भोजन जरूर खिलाएं।
सिंह राशि
सूर्यदेव आपके छठे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान मित्र का होता है। इस स्थान पर सूर्य के गोचर से मित्रों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने के लिये आपको अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। किसी दोस्त से आपकी कहासुनी भी हो सकती है। आपको इस दौरान अपने शत्रु पक्ष से बचकर रहने की जरूरत है। अगले 30 दिनों के दौरान सूर्य के अशुभ फलों से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये मन्दिर में बाजरा दान करें। इससे मित्रों के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे।
कन्या राशि
सूर्यदेव आपके पांचवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान विद्या, गुरु, विवेक, संतान और जीवन में रोमांस से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से आपको इस दौरान अपने गुरु से बनाकर रखनी चाहिए। आपकी कही कोई बात उन्हें बुरी लग सकती है, इसलिए कोई भी बात संभलकर करें और अपना विवेक बनाये रखें। पढ़ाई-लिखाई में उचित फल पाने के लिये आपको किसी की हेल्प लेनी पड़ सकती है। साथ ही इस दौरान आप रोमांस के मामले में कुछ पिछड़ सकते हैं। इस दौरान सूर्य के अशुभ फलों से छुटकारा पक्षियों को दाना डालें।
तुला राशि
सूर्यदेव आपके चौथे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान माता, भूमि-भवन और वाहन के सुख से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से अगले 12 फरवरी तक आपको अपने कार्यों में माता से पूरा सहयोग मिलेगा। वो आपके हर कदम में आपका साथ देंगी, साथ ही इस दौरान आपको भूमि-भवन और वाहन का सुख मिलने की भी पूरी उम्मीद है। इस 12 फरवरी तक सूर्य के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं।
वृश्चिक राशि
सूर्यदेव आपके तीसरे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान भाई-बहन और आपकी अभिव्यक्ति से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से आपको भाई-बहनों से उम्मीद के अनुसार सहयोग नहीं मिल पायेगा। जीवन में उनका साथ बनाये रखने के लिये आपको कोशिश करनी होगी, साथ ही आप अपनी बात को दूसरे के सामने अच्छे से एक्सप्रेस नहीं कर पायेंगे। सूर्य के अशुभ फलों से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये प्रतिदिन सूर्यदेव के इस मंत्र का 11 बार जप करें। मंत्र है ऊँ घृणिः सूर्याय नमः।
धनु राशि
सूर्यदेव आपके दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान धन से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से आपको धन की बढ़ोतरी के बहुत से साधन मिलेंगे। आपको अचानक से धन लाभ हो सकता है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहेगी। सूर्य के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये मन्दिर में नारियल का तेल या कच्चे नारियल का दान करें।
मकर राशि
सूर्यदेव आपके पहले स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान व्यक्ति का अपना स्थान होता है। इससे किसी व्यक्ति के प्रेम-संबंध, मान- सम्मान, धन और संतान के न्यायलय संबंधी कार्यों पर विचार किया जाता है। इस स्थान पर सूर्य के गोचर से आपको प्रेम-संबंधों का भरपूर लाभ मिलेगा। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। आपके पास पैसों की लगातार आवक बनी रहेगी, साथ ही आपकी संतान को भी न्यायलय संबंधी कार्यों से भरपूर लाभ मिलेगा। 12 फरवरी तक सूर्य के इन शुभ फलों का लाभ पाने के लिये प्रतिदिन सुबह स्नान आदि के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं।
कुंभ राशि
सूर्यदेव आपके बारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान शैय्या सुख और व्यय से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से आपको शैय्या सुख की प्राप्ति तो होगी, लेकिन साथ ही आपके खर्चों में भी बढ़ोतरी होगी। आगली संक्रांति तक सूर्य के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये और शुभ प्रभाव सुनिश्चित करने के लिये धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग दें।
मीन राशि
सूर्यदेव आपके ग्यारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। जन्म कुंडली में यह स्थान आमदनी और कामना पूर्ति से संबंध रखता है। सूर्य के इस गोचर से आपकी अच्छी आमदनी होगी। आपको आमदनी के नये स्रोत भी मिलेंगे, साथ ही आपकी जो भी इच्छा होगी, वो जरूर पूरी होगी। इस दौरान सूर्य के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिये मन्दिर में मूली का दान करें।