जयपुर के बगराना मे कोरोना वॉरियर्स की बेकदरी, क्वारांटीन सेंटर पर तैनात जवानों से भेदभाव क्यों?
देश भर में कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया जा रहा है। राजस्थान सरकार भी कोरोना वारियर्स के सम्मान मे कसीदे पढ रही है, लेकिन ठहरियेगा..वारियर्स के सम्मान मे कही जाने वाली बाते हकीकत से कितनी जुदा है ये हम आपको बताते है।
जयपुर: देश भर में कोरोना वारियर्स का सम्मान किया जा रहा है। राजस्थान सरकार भी कोरोना वॉरियर्स के सम्मान मे कसीदे पढ रही है, लेकिन ठहरियेगा..वॉरियर्स के सम्मान मे कही जाने वाली बाते हकीकत से कितनी जुदा है ये हम आपको बताते है। कोरोना वॉरियर्स की बेकदरी किस तरीके से की जा रही है यह आप भी जान लिजीए। दरअसल जयपुर के बगराना मे बने आवासों में विदेशों से आने वाले लोग यानी प्रवासी मजदूरों को क्वारांटीन किया जा रहा है।
सुरक्षा से लेकर तमाम जिम्मा वहां पर सिविल डिफेंस, ईआरटी व बॉर्डर होम गार्ड को दिया गया है। क्वारांटीन सेंटर पर 24 घंटे सब कुछ सम्भालना कितना जोखिम भरा है ये आप और हम बखूबी समझते है लेकिन इन क्वारांटीन सेंटरो पर मोर्चा सम्भालने वाले सिविल डिफेंस, ईआरटी कमांडो व बॉर्डर होम गार्डस के लोगों ने जब अपना दर्द साझा किया तो सरकारी दावों की पोल खुल गयी। इंडिया टीवी की टीम ने जब इन लोगों की मुश्किलें जाननी चाही तो सच सामने आया उसको जानकर आपके भी होश उड जायेंगे।
खुले में पडी है पानी के बोतल..उसी से पिलाया जा रहा है सबको पानी
बगराना क्वारांटीन सेंटर पर हम जब हकीकत देखने के लिये पहुंचे तो देखा जो पानी क्वारांटीन सेंटर पर रहने वाले लोगों को पिलाया जाना है वो यूंही खुले में पडे हुए। क्वारांटीन में रहने वाले लोग खुद ही बोतल लेकर जा रहे है और उसी बोतलों ने सेंटर पर तैनात लोगों को भी पानी पिलाया जा रहा है।
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3 महीने से न जांच की न सैंपल तक लिये गये
बगराना आवासीय कॉलोनी सेंन्टर पर मौजूदा समय में 1000 लोग क्वारांटीन है। जो कि विदेश से आ रहे है। इन लोगों को तमाम सुविधा मुहैया कराने व व्यवस्था सही तरीके से करने के लिए सिविल डिफेंस की टीम ईआरटी व बॉर्डर होम गार्ड को तैनात किया गया है। ये लोग 24 घंटे 2 शिफ्टो मे काम करते है लेकिन इनको देखने वाला कोई नहीं। इन जवानों ने हमें बताया कि हमारे साथ ही भेद भाव क्यों? पॉजिटिव आने वाले लोगों के बीच 24 घंटे सब कुछ सम्भालने के लिए तैयार रहते है। लेकिन न हमारी जांच होती है न हमारे सैम्पल लिए जाते है। जबकि हम 3 महीने से लगातार 12 से ज्यादा क्वारांटीन सेंटरो मे तैनात रह चुके है।
3 महीने मे 15 से ज्यादा सेंटरो पर हो चुके है तैनात
दरअसल बगराना सेंटर पर जो टीम तैनात है उसमें सिविल डिफेंस के 32 जवान, ईआरटी कमांडो के 27 जवान, बॉर्डर होम गार्ड के 20 जवानों को तैनात किया गया है। ये सभी जवान इससे पहले सीपैथ क्वारांटीन सेंटर, जीआईपी, जेईआरसी, पूर्णिमा कॉलेज, मणिपाल कॉलेज, वाईआईटी, ज्योतिवद्यापीठ जैसे और कई सेंटरो पर तैनात थे। इन सेंटरों मे से हर रोज कोई न कोई पॉजिटिव आता ही रहता था। लगातार 3 महीने से इन जवानों के सेंटर बदलते गये। लेकिन न इन जवानों का टेस्ट ना तो किया गया और ना ही सैंपल लिये गये। बल्कि इनमें से कई जवानों को छुट्टी भी मिली जो अपने घर गये। अब आप अंदाजा लगाईये कि सरकार की ये लापरवाही कितनी घातक साबित हो सकती है। इन जवानों मे से अगर को ए सिम्पटोमैटिक भी है तो वो खुद कितनो को पॉजिटिव कर सकता है।
क्वारांटीन सेंटरों पर जवानों को ना मास्क, ना दस्ताने ना पीपीई किट मिले
इन क्वारांटीन सेंटरों पर तैनात सिविल डिफेंस, ईआरटी कमांडो व बॉर्डर होम गार्ड से जब हमने पूछा तो पता चला कि अधिकारियों और प्रशासन की तरफ से न मास्क दिया जाता है न ही दस्ताने। जो इक्का दुक्का मिलते भी है तो वो खत्म हो जाते है कोई पूछने वाला नहीं ऐसे मे हर दम खुद के लिये और दूसरों के लिये खतरा बना रहता है।
क्वारांटीन सेन्टर पर ये कोरोना वारियर्स हर दिन जोखिम से जूझ रहे है..सरकार की लापरहवाही सिस्टम पर बडा सवाल उठाती है कि आखिर लंबे चौडे दावे करने वाली गहलोत सरकार हकीकत से अंजान है। अगर है तो इंडिया टीवी की इस खबर को देख लें और हम उम्मीद करेंगे कि इस नाकामी और बद इंतजामी को सरकार दूर करेगी।