राजस्थान में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव! कौन होगा BJP का CM फेस? मोदी सरकार के मंत्री शेखावत ने दिया ये जवाब
केंद्रीय मंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ चल रही अपनी लड़ाई, भाजपा के अंदर मची गुटबाजी और वसुंधरा राजे सिंधिया के साथ अपनी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा सहित राज्य की राजनीति से जुड़े तमाम पहलुओं पर खुलकर और पूरी बेबाकी से अपनी बात रखी है।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री एवं राजस्थान के जोधपुर से लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि पार्टी किसको सामने रखकर राज्य में चुनाव लड़ेगी और कौन चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा। केंद्रीय मंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ चल रही अपनी लड़ाई, भाजपा के अंदर मची गुटबाजी और वसुंधरा राजे सिंधिया के साथ अपनी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा सहित राज्य की राजनीति से जुड़े तमाम पहलुओं पर खुलकर और पूरी बेबाकी से अपनी बात रखी है।
सवाल: 2019 के लोकसभा चुनाव में आपने जोधपुर में सीएम गहलोत के बेटे को हराया था। उसके बाद से ही गहलोत आप पर ज्यादा हमलावर मूड में रहते हैं और कहा तो यहां तक जाता है कि गहलोत भाजपा के सभी नेताओं में से सबसे ज्यादा आप पर ही आरोप लगाते हैं?
जवाब: जोधपुर की जनता ने जो फैसला किया, केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार फिर से बनाने के लिए मुझे आशीर्वाद दिया। जनता के उस आशीर्वाद के प्रतिफल में मुझे गहलोत साहब के कड़वे वचन सुनने को मिलते हैं, तो उनका स्वागत है। उनको बोलते रहना चाहिए।
सवाल: राजस्थान में कहा जाता है कि गहलोत आपको भाजपा की तरफ से सीएम पद के बड़े दावेदार के रूप में देख रहे हैं, शायद इसलिए वह आपको अपना स्वाभाविक प्रतिद्वंद्वी मानकर चल रहे हैं?
जवाब: मैं इस दृष्टिकोण से नहीं सोचता हूं, लेकिन यह तय मानता हूं कि जिस पश्चिमी राजस्थान में गहलोत साहब ने अपनी ही पार्टी कांग्रेस के अंदर के दिग्गज नेताओं और अपने विरोधियों को राजनीतिक रूप से ध्वस्त कर अपना एकछत्र राज बनाया था, उनके 50 साल के उस एकछत्र राज और वजूद को राजस्थान में और खासतौर से पश्चिमी राजस्थान और जोधपुर में मैंने चुनौती दी है, तो जिस व्यक्ति ने पश्चिमी राजस्थान और जोधपुर में उनके वजूद को चुनौती दी है, उस व्यक्ति का नुकसान करने के लिए वह जिस तरह से काम कर रहे हैं, मुझे लगता है कि वह स्वाभाविक ही है।
सवाल: कहा जा रहा है कि इस बार राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे का मुकाबला होने जा रहा है और आपकी पार्टी के लिए राह बहुत ज्यादा आसान नहीं है?
जवाब: जिस तरह से अशोक गहलोत सरकार ने किसानों और युवाओं के साथ वादाखिलाफी की है, प्रदेश में जिस तरह से लगातार पेपर लीक हुए और जिसकी वजह से युवाओं में आक्रोश है, प्रदेश में जिस तरह से माफिया तंत्र हावी हो गया है, आम लोगों में दहशत का माहौल है। सरकार का पूरा ध्यान सरकार चलाने की बजाय सिर्फ कुर्सी बचाने पर रहने के कारण जिस तरह से प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत खराब हुई, महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े, वीरांगनाओं के साथ असम्मानजक व्यवहार हुआ, उन सबको और इस तरह के कई मामलों को देखते हुए यह कह सकते हैं कि प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है। सीएम गहलोत भारत सरकार और यहां तक कि अपनी ही सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने में पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुए हैं और अब फ्रीबीज की कुछ घोषणाएं कर अपनी इज्जत बचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जितना कल सुबह सूरज का पूर्व दिशा से उदय होना अवश्यंभावी है। उतना ही अवश्यंभावी यह भी है कि इस बार कांग्रेस ऐतिहासिक रूप से प्रदेश में बुरी तरह से नीचे जाएगी और ऐतिहासिक बहुमत के साथ इस बार राजस्थान में भाजपा की सरकार बनेगी।
सवाल: लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा में नेताओं के बीच गुटबाजी चरम पर है। आपके और वसुंधरा राजे सिंधिया के बीच तल्ख रिश्तों को लेकर भी बहुत सारी बातें कही जाती हैं। आखिर इन सब बातों का सच क्या है?
जवाब: देखिए, राजनीति में प्रतिस्पर्धा होना सहज है। यह स्वाभाविक प्रतिस्पर्धा का विषय है कि व्यक्ति आगे बढ़ने की इच्छा के बारे में सोचता है। लेकिन जब कोई यह कहे कि भाजपा में नरेंद्र मोदी का नेतृत्व नहीं है और मैं अलग हूं, आप अलग हैं, अगर कोई यह कहे कि उन्हें भाजपा संसदीय बोर्ड में भरोसा नहीं है, तब यह गुटबाजी हो सकती है, लकिन भाजपा में कांग्रेस की तरह हालात नहीं हैं। हमारी पार्टी में सभी मानते हैं कि भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल है, हमारे नेता प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा हैं और हम सब का उद्देश्य यही है कि हमें कांग्रेस को हराना है, भाजपा को लाना है, तब किसी के कहने मात्र से न तो गुटबाजी की कोई अहमियत रह जाती है और ना ही कोई गुंजाइश रह जाती है।
सवाल: लेकिन क्या आपको लगता है कि अगर पार्टी पहले से ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर चुनाव में उतरे तो पार्टी को ज्यादा फायदा होगा?
जवाब: जिस पार्टी के पास दुनिया का सबसे लोकप्रिय चेहरा और सबसे सक्षम नेतृत्व हो उस पार्टी को चेहरों के होने या ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारे पास मोदी का इतना सशक्त चेहरा है, जिनके लिए देश की जनता में आज भी इतना जबरदस्त क्रेज है। हम राजस्थान में प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे और आगे की प्रक्रिया तय करना पार्टी के संसदीय बोर्ड का काम है। संसदीय बोर्ड यह तय करेगा कि राजस्थान का नेतृत्व कौन करेगा (यानी मुख्यमंत्री कौन बनेगा?)
(इनपुट- IANS)