ईडी का छापा: जानिए कौन है सीएम के बेटे वैभव गहलोत का कारीबी रतनकांत शर्मा?
रतनकांत को ईडी चार दिन पहले ही नोटिस भेज चुकी है। ऐसे में सवाल उठता है कि वैभव गहलोत का करीबी रतनकांत कौन है जिस पर ईडी से लेकर विभिन्न एजेंसियों की नजर है।
राजस्थान में जहां सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है, वहीं जयपुर में पहले आयकर विभाग और फिर ईडी के छापों से हड़कंप मचा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम ने आज जयपुर के एक होटल पर छापा मारा है। होटल का नाम फेयरमाउंट है। गौरतलब है कि इस होटल में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की पार्टनरशिप है। इस होटल के मामले में कारोबारी रतनकांत का भी पैसा लगा हुआ है। बता दें कि रतनकांत को ईडी चार दिन पहले ही नोटिस भेज चुकी है। ऐसे में सवाल उठता है कि वैभव गहलोत का करीबी रतनकांत कौन है जिस पर ईडी से लेकर विभिन्न एजेंसियों की नजर है।
बता दें कि जिस फेयर माउंट होटल में ईडी ने छापा मारा है। कांग्रेस अपने विधायकों को इसी होटल में ले जाने वाली थी। इस होटल में फिलहाल बीएसपी के विधायकों को ठहराया गया है। बताया जा रहा है कि इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की पार्टनरशिप है।
कौन है रतन शर्मा
इस होटल में रतनकांत शर्मा का काफी पैसा लगा है। आरोप है कि शर्मा को बड़े पैमाने पर विदेश से अवैध तरीके से पैसा आया है। शर्मा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के करीबी हैं। शर्मा कई दिनों से ईडी के निशाने पर थे। ईडी के अनुसार शर्मा ने अवैध तरीके से 96.7 करोड़ रुपए मॉरीशस से प्राप्त किए थे। चार दिन पहले ईडी ने शर्मा को ईडी ने सम्मन भेजा था।
दो करीबियों पर आयकर के छापे
ईडी के इन छापों से पहले जयपुर में आज सुबह आयकर के छापों से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि ये छापे सीएम के बेहद करीबी कांग्रेसी नेता राजीव अरोड़ा के घर पर पड़ा है। इसके साथ ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम धर्मेंद्र राठौड़ के घर भी पहुँची। राजीव अरोड़ा जो फायनेंसर माने जाते है, उनके साथ के लोगों के यहां भी छापा पड़ा है। वहीं धर्मेंद्र राठौर अशोक गहलोत के साथ हर वक्त रहते हैं। वे तमाम तरीके की उनके कामों को संभालते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार आयकर विभाग राजस्थान के विभिन्न शहरों के साथ ही दिल्ली और महाराष्ट्र में छापे की कार्रवाई चल रही है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि दिल्ली, जयपुर, मुंबई और कोटा में छापेमारी की कार्रवाई तड़के शुरू की गई और इस दौरान प्रवर्तकों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग ने यह कार्रवाई नकदी के बड़े लेन-देन से जुड़ी जानकारी मिलने और इसमें इस समूह का कथित संबंध होने के कारण की। जिस समूह के परिसरों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है, वह हाइड्रो मैकेनिकल उपकरणों से जुड़ा काम करता है और उसे 2018 में राजस्थान में बांध निर्माण के संबंध में ठेका दिया गया था। उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान इस कारोबारी समूह से जुड़े एक व्यक्ति से भी संबंधित है, जो जयपुर में एक आभूषण समूह चलाता है।