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Hindi News राजस्थान कहानी Ravindra Singh Bhati की, जिनकी किस्मत में है बगावत, बाड़मेर से लड़ रहे लोकसभा चुनाव

कहानी Ravindra Singh Bhati की, जिनकी किस्मत में है बगावत, बाड़मेर से लड़ रहे लोकसभा चुनाव

Ravindra Singh Bhati Election Result: बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से रविंद्र सिंह भाटी चुनावी मैदान में हैं। यहां से भाजपा ने कैलाश चौधरी और कांग्रेस ने उम्मेदाराम को उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि रविंद्र सिंह भाटी पर सभी की निगाहें फिलहाल टिकी हुई हैं।

Who is Ravindra Singh Bhati contesting the Lok Sabha elections from Barmer jaisalmer- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कहानी Ravindra Singh Bhati की...

Ravindra Singh Bhati Election Result: युद्ध कहां तक टाला जाए, द्वंद कहां तक पाला जाए। तू भी है राणा का वंशज, फेंक जहां तक भाला जाए। कहानी है रविंद्र सिंह भाटी की। रविंद्र सिंह भाटी जो वर्तमान में राजस्थान की शिव विधानसभा सीट से विधायक हैं और वर्तमान में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। यहां उनका मुकाबला कैलाश चौधरी और उम्मेदाराम से है। विधानसभा चुनाव जीतने से लेकर लोकसभा चुनाव में ताल ठोकने तक रविंद्र सिंह भाटी खूब चर्चा में रहें और अब जब वोटों की काउंटिंग जारी है तो लोगों की नजर अब रविंद्र सिंह भाटी के चुनाव परिणाम पर है। ऐसे में चलिए हम बताते हैं कि रविंद्र सिंह भाटी कौन हैं?

छात्र संघ में रविंद्र सिंह भाटी

रविंद्र सिंह भाटी जब कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे, उस दौरान वे छात्र राजनीति में एक्टिव हो गए थे। रविंद्र ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही एक स्कूल से की थी। आगे की पढ़ाई के लिए रविंद्र सिंह भाटी जोधपुर स्थित जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां से उन्होंने छात्र राजनीति की शुरुआत की। साल 2019 में भाटी चाहते थे कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी की छात्र यूनिट अखिल भारतीय  विद्यार्थी परिषद की तरफ से छात्रसंघ के अध्यक्ष पद के लिए टिकट दिया जाए। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। ऐसे में भाटी ने साल 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और वे विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के निर्दलीय अध्यक्ष बने। जोधपुर यूनिवर्सिटी में 57 साल बाद ऐसा देखने को मिला था, जब किसी निर्दलीय प्रत्याशी ने छात्रसंघ का चुनाव जीता था। बता दें कि छात्रसंघ ने भाटी को राजनीति की दुनिया का रास्ता दिखाया। 

भाजपा में शामिल हुए, फिर हुई बगावत

रविंद्र सिंह भाटी छात्रों और युवाओं के बीच काफी चर्चित हैं। सोशल मीडिया पर इनकी तगड़ी फैन फॉलोइंग है। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पूर्व भाटी भाजपा में शामिल हुए थे। लेकिन मात्र 9 दिनों बाद ही उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। दरअसल भाटी को उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें शिव विधानसभा सीट से चुनावी टिकट देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसके बाद भाटी ने बगावत कर दी। हालांकि पार्टी के अंदरूनी राजनीति के कारण रविंद्र सिंह भाटी को चुनाव का टिकट नहीं मिला, जिसके बाद भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बनाया। रविंद्र सिंह भाटी ने शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय नामांकन भरा और वो जीत गए। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता अमीन खान को हराया था। 

रविंद्र सिंह भाटी की पढ़ाई-लिखाई

रविंद्र सिंह भाटी राजस्थान के बाड़मेर जिले के दुधौड़ा गांव के रहने वाले हैं। पाकिस्तान से सटे शिव विधानसबा में यह पड़ता है। शिव विधानसभा क्षेत्र और पाकिस्तान के भीतर बाड़मेर-जैसलमेर से जुड़े इलाकों में राजपूत समाज के गांवों में रोटी-बेटी का संबंध है। बता दें कि भाटी ने राजस्थानी भाषा में पोस्ट ग्रेजुएशन की है। वहीं रविंद्र सिंह के दोस्त अशोक गोदारा भाजपा के नेता हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के लिए खूब चुनाव प्रचार किया। बता दें कि रविंद्र सिंह भाटी सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रहते हैं।