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Hindi News राजस्थान उदयपुर-रेलवे ट्रैक ब्लास्ट: जमीन पर बने रेलवे ब्रिज का नहीं मिला मुआवजा, इसलिए किया ट्रैक पर धमाका, 3 आरोपी गिरफ्तार

उदयपुर-रेलवे ट्रैक ब्लास्ट: जमीन पर बने रेलवे ब्रिज का नहीं मिला मुआवजा, इसलिए किया ट्रैक पर धमाका, 3 आरोपी गिरफ्तार

उदयपुर-रेलवे ट्रैक ब्लास्ट केस में राजस्थान ATS की टीम ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में एटीएस ने हैरान करने वाला खुलासा भी किया है।

उदयपुर-रेलवे ट्रैक ब्लास्ट मामलें में बड़ी सफलता- India TV Hindi Image Source : PTI उदयपुर-रेलवे ट्रैक ब्लास्ट मामलें में बड़ी सफलता

उदयपुर-रेलवे ट्रैक ब्लास्ट मामलें में राजस्थान ATS को बहुत बड़ी सफलता हाथ लगी है। ATS की टीम ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस और राजस्थान ATS टीम ने मुख्य आरोपी सहित दो आरोपियों को धर दबोचा है। पुलिस सूत्रों की मानें तो तीनों आरोपियों ने उदयपुर में ओडा पुल को ब्लास्ट किया था। बताया जा रहा है कि रेलवे प्रशासन से मुआवजे की बात को लेकर मुख्य आरोपी नाराज चल रहे थे।

मुआवजा ना मिलने से नाराज थी मुख्य आरोपी
उदयपुर-रेलवे ट्रैक ब्लास्ट केस में मुख्य आरोपी एक महिला बताई जा रही है, जिसका नाम फूलचंद है। इस महिला की जमीन रेलवे ट्रैक और ब्रिज बनाने के लिए अधिग्रहित की गई थी लेकिन आरोपी फूलचंद मीणा को इसका उचित मुआवजा नहीं मिला था। बस इसी बात से नाराज होकर उसने इस कांड को अंजाम दिया था। हालांकि इस पूरे मामले पर एसओजी की टीम अपना खुलासा करेगी ।

साल 1975 में हुआ था जमीन का अधिग्रहण 
बता दें कि राजस्थान की स्पेशल ब्रांच एसओजी ने उदयपुर-अहमदाबाद रेल खंड के ओड़ा रेलवे पुल पर शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को विस्फोट मामले में एक किशोर सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया था, जिन्हें अब गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति को भी पकड़ा है जिससे यह विस्फोट सामग्री खरीदी गई थी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस और एसओजी) अशोक राठौड़ ने गुरुवार को मीडिया को बताया था कि ओड़ा पुल पर हुये विस्फोट मामले में एसओजी ने धूलचंद मीणा (32), प्रकाश मीणा (18) और 17 साल के एक किशोर को हिरासत में लिया है। उन्होंने बताया था कि रेलवे और हिंदुस्तान जिंक ने 1974-75 और 1980 में धूलचंद मीणा की जमीन का अधिग्रहण किया था, जिसके लिये उसको मुआवजा या नौकरी नहीं मिली। उन्होंने बताया कि इसके लिये वह लगातार कई साल से प्रयासरत था, लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिलने को कारण इसने (धूलचंद ने) गुस्से में इस घटना को अंजाम दिया।