जयपुर: राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा की नियुक्ति को एक वकील ने हाई कोर्ट में शनिवार को जनहित याचिका दायर कर इस आधार पर चुनौती दी कि उन्हें दिलाई गई शपथ असंवैधानिक है। उन्होंने जनहित याचिका में कहा कि ऐसा कोई संवैधानिक पदनाम नहीं है और उनकी नियुक्ति रद्द की जानी चाहिए।
वकील ने क्या कहा?
याचिकाकर्ता ओम प्रकाश सोलंकी ने नियुक्तियों को रद्द करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘उपमुख्यमंत्री पद असंवैधानिक है और भारत के संविधान में ऐसे किसी पद का उल्लेख नहीं है।’’ शुक्रवार को शपथ ग्रहण समारोह में भजनलाल ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व ने भाग लिया था।
गौरतलब है कि राजस्थान में बीजेपी ने 115 सीटें हासिल की हैं और कांग्रेस ने 69 सीटें हासिल की हैं। बाकियों ने 15 सीटें हासिल की हैं। बीजेपी ने भजन लाल को मुख्यमंत्री बनाया है।
कौन हैं भजन लाल शर्मा?
भजन लाल शर्मा राजस्थान की सांगानेर विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान ईकाई के प्रदेश महामंत्री का पद भी संभाल रहे थे। भरतपुर से ताल्लुक रखने वाले 56 वर्षीय भजनलाल शर्मा ब्राह्मण समाज से आते हैं। खास बात ये है कि 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में वह पहली बार विधायक बने हैं। भजन लाल शर्मा को संघ और संगठन दोनों का करीबी माना जाता है।
भजन लाल शर्मा ने सांगानेर विधानसभा सीट से हालही में संपन्न चुनाव में कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48,081 से अधिक वोटों से हराया। राजस्थान में बीजेपी के भजन लाल शर्मा की राजनीतिक यात्रा महत्वपूर्ण उपलब्धियों से भरी रही है। वह चार बार बीजेपी के प्रदेश महासचिव रह चुके हैं। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े रहे हैं। (इनपुट: भाषा)