'अजमेर की जो दरगाह है, वो असल में भगवान संकट मोचन महादेव का मंदिर है', हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता का दावा
अजमेर की दरगाह को लेकर हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा कि ये भगवान संकट मोचन महादेव का मंदिर है। उन्होंने इस मामले को लेकर पीएम मोदी से एक अपील भी की है।
अजमेर: हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर की दरगाह को लेकर बड़ा दावा किया है। उनके इस दावे की वजह से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। विष्णु गुप्ता ने अजमेर पहुंचकर कहा कि अजमेर की जो दरगाह है, वो असल में भगवान संकट मोचन महादेव का मंदिर है।
विष्णु गुप्ता ने और क्या कहा?
विष्णु गुप्ता ने अजमेर में पत्रकार वार्ता में कहा कि 20 तारीख को अदालत में पेश होकर अपने साथ लाए और भी दस्तावेज पेश करेंगे। उन्होंने बताया कि अजमेर की धरती वीरों की धरती है। मोहम्मद साबुद्दीन गौरी 1150 ईसवी में यहां आया और भारत में आकर उसने अजमेर ही चुना क्योंकि अजमेर जिसका नाम अजयमेरु था, ये अजयमेरु, पृथ्वीराज चौहान के पिता थे। उन्हीं के नाम से इस शहर का नाम पड़ा।
अजमेर को लूटने के लिए लोग आते रहे और जब मोहम्मद साबुद्दीन गौरी यहां पहली बार आया तो उनकी सेना में एक सैनिक जो आज ख्वाजा साहब के नाम से जाने जाते हैं, उनकी सेना में आए थे। ऐसे बहुत सारे साक्ष्य हमारे पास मौजूद हैं। वो मोहम्मद साबुद्दीन गौरी के साथ ही अजमेर आए और आने के बाद जब मोहम्मद साबुद्दीन गौरी हार गया और भाग गया तो ख्वाजा साहब यहीं डटे रहे और उन्होंने इस्लाम का प्रचार किया लेकिन कुछ मुसलमानों की किताबें यह कहती हैं कि ख्वाजा साहब ने 90 से 95 लाख लोगों का इस्लाम में धर्म परिवर्तन करवाया।
विष्णु गुप्ता ने कहा कि अब मैं यही कहना चाहता हूं कि जो अजमेर की दरगाह है, जिसे लोग दरगाह ख्वाजा साहब के नाम से जानते हैं, वो असल में भगवान संकट मोचन महादेव का मंदिर है और शिव मंदिर है। इसके सभी साक्ष्य हमने अदालत के पास रखे हैं और अब उसमें सभी पार्टियों को नोटिस हो चुके हैं। उन पार्टियों के जवाब आने हैं। कल 20 तारीख को सभी पार्टियों के जवाब आएंगे। अब हमारी पूरी तैयारी है।
उन्होंने कहा कि अससुद्दीन ओवेसी एक किताब दिखा रहे हैं अमीर खुसरो की जो 1300 ईस्वी की है। लेकिन मैं आपको एक किताब बता रहा हूं जो 1250 ईस्वी की है। जिसका नाम है प्रथ्वी राज विजय। इसमें अजमेर के बारे में और मंदिर के बारे में सबकुछ लिखा है। ये किताब भी हम अदालत के सामने रखेंगे। इससे पहले यह साबित हो जाएगा कि ख्वाजा साहब के आने से पहले प्रथ्वीराज के वंशज यहां महादेव की पूजा पाठ निश्चित रूप से करते थे। जिस व्यक्ति ने अजमेर दरगाह का निर्माण किया, उसी व्यक्ति ने ढाई दिन का झोपड़ा, (जो संस्कृत विद्यालय होता था) को तोड़ दिया और मस्जिद बना दी।
विष्णु गुप्ता ने पीएम मोदी से उर्स मेला में चादर नहीं भेजने का अनुरोध किया
हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है और कहा है अजमेर दरगाह का मामला न्यायालय में विचाराधीन है, ऐसे में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा अजमेर दरगाह शरीफ पर चादर चढ़ाने पर रोक लगाई जाए।
विष्णु गुप्ता ने कहा कि दरगाह में चादर चढ़ाने की प्रथा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा शुरू की गई थी। इसे अब रोकने का समय आ गया है। क्योंकि ये मामला अब कोर्ट में लंबित है। विष्णु गुप्ता ने पत्र में लिखा कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर का मामला कोर्ट में विचाराधीन था, तब तक प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर नहीं गए। (इनपुट: राजकुमार वर्मा)