जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सार्वजनिक भाषण देने के दौरान 'गहलोत जिंदाबाद' के नारे गूंजे। लगातार हो रही नारेबाजी के कारण केशव प्रसाद मौर्य ने अपना भाषण बीच में छोड़ दिया। मौर्य रविवार को आयोजित माली महासंगम कार्यक्रम के अवसर पर जनता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद थे। जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में रविवार को महापंचायत में यूपी के डिप्टी सीएम मौर्य मुख्य अतिथि थे।
माली समाज के महासंगम में हंगामा
इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से हजारों की तादाद में माली, सैनी, कुशवाहा, शाक्य, मौर्य, मौर्या, सुमन, वनमाली और भोली माली समाज के हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। जैसे ही मौर्य ने बोलना शुरू किया और बीजेपी सरकार की प्रशंसा की, गहलोत के समर्थकों ने नारे लगाने शुरू कर दिए, जिससे मौर्या को बीच में ही रुकना पड़ा। हालांकि आयोजकों ने शांति बनाए रखने का अनुरोध किया, मौर्य ने यह कहते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की कि वह समुदाय की मांगों को सही मंच पर उठाएंगे। उन्होंने कहा, अगर मेरे खिलाफ कोई शिकायत है, तो इसे लिखित रूप में व्यक्त किया जाना चाहिए। इसके बाद मौर्य सभा से चले गए।
ओम बिरला भी कार्यक्रम बीच में छोड़कर चले गए
इस कार्यक्रम में शामिल हुए सैंकड़ों लोग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में तख्तियां लेकर पहुंचे। जैसे ही मंच पर केशव प्रसाद मौर्य का भाषण शुरू हुआ तो लोगों ने अशोक गहलोत जिन्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। थोड़ी देर तो मौर्य भाषण देते रहे लेकिन जब गहलोत के समर्थन में हो रही नारेबाजी लगातार जारी रही तो उन्होंने अपना भाषण बीच में ही छोड़ दिया। लगातार गहलोत के समर्थन में हो रही नारेबाजी से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी असहज महसूस करने लगे और वे कार्यक्रम को बीच में छोड़कर चले गए।
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'कांग्रेस सरकार होगी रिपीट'
महापंचायत में पहुंचे सीएम के बेटे वैभव गहलोत ने कहा, ''समाज के लोगों का जिस तरीके से समर्थन मिल रहा है। निश्चित तौर पर फिर से कांग्रेस की सरकार राजस्थान में रिपीट करने जा रही है।'' वैभव गहलोत ने कहा, ''राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने बेहतरीन कार्य किए हैं। कई बेहतरीन योजनाएं लेकर आई है। किसान, दलित, पिछड़े सबको देखते हुए सरकार ने योजनाएं बनाई हैं। जिस तरीके से महंगाई राहत कैंप चालू किया, उसका बीजेपी के पास कोई जवाब नहीं है। इससे उनके नेता सकपका गए हैं। निश्चित तौर पर चौथी बार कांग्रेस की गहलोत सरकार आने वाली है।''