राजस्थान में कुख्यात अपराधी राजू ठेहट का मर्डर, लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली जिम्मेदारी
सीकर में शनिवार की सुबह कुख्यात अपराधी राजू ठेहट की हत्या कर दी गई है। अपराधी कोंचिग ड्रेस पहनकर पहुंचे थे।
राजस्थान के कुख्यात अपराधी और गैंगस्टर राजू ठेहट की सीकर में शनिवार की सुबह हत्या कर दी गई है। शूटर कोचिंग की ड्रेस पहनकर राजू ठेहट के घर पहुंचे थे। बदमाशों ने कुख्यात गैंगस्टर राजू को घर की घंटी बजाकर बाहर बुलाया था। इस घटना से जुड़े कई सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। फुटेज में साफतौर पर दिखाई दे रहा है कि चार-पांच बदमाश हाथों में हथियार लेकर गोलियां चला रहे हैं। फुटेज में दिखाई दे रहा है कि बदमाशों ने तकरीबन 50-60 राउंड फायरिंग की है। वहीं बदमाशों ने राजू को गोली मारकर दोबारा देखा कि कहीं वो जिंदा तो नहीं है।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली जिम्मेदारी
इस हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। एक फेसबुक यूजर रोहित गोदारा ने हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए एक पोस्ट किया है। रोहित ने अपनी पोस्ट मे लिखा है कि "राम राम भाइयों को आज ये जो राजू ठेहट की हत्या हुई है। उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी मैं रोहित गोदारा लेता हूं। यूजर ने लिखा कि भाई आंनद पाल और बलबीर जी की हत्या में शामिल था, जिसका बदला आज हमने इसे मारकर पूरा किया है। उसने आगे लिखा कि रही बात और दुश्मनों की तो उनसे जल्द मुलाकात होगी।" आपको बता दें कि आनंद पाल की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। तभी से ये गैंग लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में जुड़ गया था।
सीकर में बंद का ऐलान
इस घटना के बाद पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी गई है। वहीं पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस संबंध में पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया कि इस फायरिंग के बाद बदमाश ने वीडियो बनाया और हत्या करने के बाद अल्टो कार से भाग निकले। उन्होंने आगे बताया कि सभी पंजाब और हरियाणा बॉर्डर की तरफ जाएंगे। वहीं सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है। पुलिस ने आशंका जाहिर की है कि इन बदमाशों के तार राजस्थान और हरियाणा से जुड़े है। सीकर शहर में वीर सेना ने बंद का ऐलान किया है और अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है।
घटना के कुछ घंटो बाद फायरिंग
मिली जानकारी मुताबिक, थानाधिकारी थाना खेतड़ी पर एक क्रेटा गाडी नंबर RJ/45/CH1786 में सवार बदमाशों ने तीन फायर करते हुए खेतड़ी से नीमकाथाना की तरफ भागे हैं।