मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। राहुल गांधी की संसद सदस्यता अब उन्हें वापस मिल गई है। इस कारण कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर देखने को मिल रही है। इस बीच अब राजस्थान कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, 'मानहानि कानून के 150 साल के इतिहास में किसी को 2 साल की जेल नहीं हुई। उन्होंने कर्नाटक में भाषण दिया और गुजरात से किसी ने मानहानि का मामला दर्ज करा दिया।' उन्होंने कहा, 'सत्र न्यायालय, निचली अदालत, हाई कोर्ट ने सजा का ऐलान किया और वो भी ऐसी सजा जिसमें उन्हें दो साल की सजा हुई और उनकी सदस्यता खत्म हो गई। लेकिन मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने उदाहरण पेश किया कि लोकतंत्र जीवित है।'
संसद में राहुल गांधी से पहले गौरव गोगोई ने रखी अपनी बात
गौरतलब है कि मोदी उपनाम मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद वायनाड लोकसभा क्षेत्र से राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल कर दी गई है। शीर्ष अदालत द्वारा मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी गई थी। संसद की सदस्यता मिलते ही राहुल गांधी आज लोकसभा भी पहुंचे। हालांकि इस दौरान राहुल गांधी से पहले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई को बोलने का मौका दिया गया जिसपर भाजपा नेताओं ने सवाल भी उठाया। भाजपा सांसदों ने कहा कि हम राहुल गांधी को सुनने आए थे। राहुल गांधी को बोलने का लेटर क्यों नहीं दिया गया।
राहुल गांधी पर निशिकांत दुबे ने साधा निशाना
गोगोई के लोकसभा में संबोधन के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने लोकसभा में बोलते हुए कहा, 'मुझे लगा कि राहुल गांधी पहले बोलेंगे।' निशिकांत दुबे ने जब संसद में बोल रहे थे, इस दौरान विपक्ष द्वारा खूब नारेबाजी की गई। इस बीच भाजपा सांसद प्रह्लाद जोशी ने कहा कि गोगोई का भाषण पूरा हो गया। अब विपक्ष निशिकांत दुबे की स्पीच से क्यों डर रही है। निशिकांत दुबे ने सदन में बोलते हुए कहा, 'शायद राहुल गांधी देर से उठे होंगे, इसलिए उन्हें बहस में पहले बोलने का मौका नहीं दिया गया।'