जयपुर: आज सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ जयपुर में अनशन पर बैठने जा रहे हैं। सचिन पायलट के इस अनशन का मकसद गहलोत को उनके वादे याद कराने और वसुंधरा राजे की पूर्व सरकार में भ्रष्टाचार पर एक्शन नहीं लेने पर अपनी नाराजगी जगजाहिर करने का हैं। अभी तक गहलोत और पायलट की लड़ाई अंदरुनी थी, लेकिन आज ये लड़ाई खुलकर सड़क पर दिखने वाली है। वहीं पायलट के अनशन को राजस्थान के एआईसीसी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पार्टी विरोधी करार दिया है।
कांग्रेस ने अनशन को बताया पार्टी हितों के खिलाफ
पिछली सरकार के भ्रष्टाचार पर अपनी राज्य सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ राजस्थान के नेता सचिन पायलट के अनशन से कुछ घंटे पहले कांग्रेस के राज्य प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने उनके आंदोलन को पार्टी विरोधी गतिविधि बताया। राजस्थान के एआईसीसी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बयान जारी करके कहा कि सचिन पायलट का दिन भर का उपवास पार्टी हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है। अगर उनकी अपनी सरकार से कोई समस्या है तो मीडिया और जनता के बजाय पार्टी मंचों पर चर्चा की जा सकती है। रंधावा ने कहा कि मैं पिछले 5 महीनों से एआईसीसी प्रभारी हूं और पायलट जी ने मुझसे इस मुद्दे पर कभी चर्चा नहीं की। मैं उनके साथ संपर्क में हूं और मैं अभी भी शांत बातचीत की अपील करता हूं क्योंकि वह कांग्रेस पार्टी के लिए एसेट हैं।
अशोक गहलोत के समर्थन में आई कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस रविवार को पार्टी के दिग्गज नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में आ गई, जब उनके पूर्व डिप्टी पायलट ने दावा किया कि उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ किसी भी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की और विरोध स्वरूप 11 अप्रैल को दिवसीय उपवास की घोषणा कर दी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, मुख्यमंत्री के रूप में गहलोत के साथ राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने बड़ी संख्या में योजनाएं लागू की हैं और कई नई पहल की हैं, जिसने लोगों को गहराई से प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा राज्य में पार्टी संगठन के समर्पण और दृढ़ संकल्प से संभव हुई एक उत्कृष्ट सफलता है।
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