सिरोही: राजस्थान के निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने गुरुवार को कांग्रेस नेता सचिन पायलट को सलाह दी कि वह खुद को हंसी का पात्र न बनाएं। उन्होंने साथ ही कहा कि पायलट को अपनी पार्टी की मर्यादा और अनुशासन में रहकर काम करना चाहिए। लोढ़ा ने पायलट द्वारा हाल ही में उठाई गई मांगों पर तंज कसते हुए कहा कि पायलट ‘नाखून कटवाकर शहीद होना चाहते हैं।’ बता दें कि सचिन पायलट लगातार गहलोत सरकार पर निशाना साध रहे हैं और उन्होंने अपनी मांगें पूरी हुए बगैर पीछे हटने से मना कर दिया है।
‘नाखून कटवाकर शहीद होना चाहते हैं’
लोढ़ा ने पायलट की मांगों पर कहा, ‘अब नाखून कटवा कर आप शहीद बनना चाहते हैं। राजस्थान की जनता सबकुछ समझती है कि चुनावी वर्ष में आपको बेरोजगारों की याद क्यों आ रही है, पिछली सरकार के घोटालों की याद क्यों आ रही है? इसको लोग अच्छी तरह समझ रहे हैं। तो अपने आपको हंसी का पात्र न बनाएं और जिस पार्टी में हैं उस पार्टी के अनुशासन और मर्यादा में काम करें। वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार के जिन मुद्दों का जिक्र पायलट कर रहे हैं, उन्हें मैंने पूरे 5 साल उठाया लेकिन तब वह या उनकी टीम का कोई आदमी हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ।’
Image Source : Fileसचिन पायलट ने पिछले कई महीनों से बागी रुख अख्तियार किया हुआ है।
‘पायलट की यात्रा का कोई प्रभाव नहीं’
सिरोही के विधायक लोढ़ा ने यह भी कहा कि पायलट की जनसंघर्ष यात्रा का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है क्योंकि कोई भी इसे गंभीरता से नहीं लेता है। उन्होंने कहा, ‘कोई असर नहीं है इसका, कोई इसको गंभीरता से नहीं लेता और जो भी यह लोगों की भीड़ दिख रही है यह प्रायोजित है।’ पायलट ने अपनी 5 दिन की जनसंघर्ष पदयात्रा के समापन पर सोमवार को जयपुर में आयोजित सभा में सरकार के सामने 3 मांग रखी जिनमें RPSC को बंद कर इसका पुनर्गठन करना, परीक्षा पत्र लीक होने से प्रभावित नौजवानों को उचित आर्थिक मुआवजा देना और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्च स्तरीय जांच कराना शामिल है।
‘पायलट ने सरकारी बंगला नहीं खाली किया’
राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और पायलट के हालिया कदमों को पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट के बीच लगातार खींचतान बनी हुई है। लोढ़ा ने कहा कि 2018 में सरकार बनने पर पायलट अपनी कार को विधानसभा में एक गेट विशेष पर जाने की इजाजत नहीं दिए जाने पर नाराज हो गए थे और बाद में वह CMO में ही अपने लिए कमरा आवंटित किए जाने पर अड़ गए। उन्होंने कहा, ‘उपमुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बावजूद पायलट ने अपना सरकारी बंगला खाली नहीं किया है।’