जयपुर: राजस्थान में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण से सात और लोगों की मौत होने के साथ ही महामारी से मरने वालों की संख्या 2677 पहुंच गयी है। वहीं राज्य में संक्रमण के 798 नये मामले आये, इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 3,06,158 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम छह बजे तक के बीते 24 घंटों में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से सात और लोगों की मौत हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अब तक जयपुर में 498, जोधपुर में 286, अजमेर में 219, बीकानेर में 165, कोटा में 165, भरतपुर में 119, उदयपुर में 110, पाली में 109 और सीकर में 95 संक्रमितों की मौत हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को राज्य में 1206 लोग संक्रमण से ठीक हुए। राज्य में अब तक कुल 2,92,739 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि सोमवार को संक्रमण के 798 नये मामले सामने आने से राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमितों की अब तक की कुल संख्या 3,06,158 हो गयी जिनमें से 10,742 रोगी उपचाराधीन हैं। नये मामलों में जोधपुर में 100, जयपुर में 76, भीलवाडा में 61, कोटा में 57, अलवर में 52, पाली में 41, और नागौर में 40 नये संक्रमित शामिल हैं।
इस बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है, लेकिन दुनिया भर में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने और ब्रिटेन में इस वायरस का एक नया प्रकार सामने आने के मद्देनजर निगरानी और सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसने कोविड-19 की की (स्थिति की) निगरानी के सिलसिले में नये दिशानिर्देश जारी किये हैं और ये दिशानिर्देश 31 जनवरी तक प्रभावी रहेंगे।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘(देश में कोविड-19 के) उपचाराधीन मरीजों और संक्रमण के नये मामलों में लगातार कमी आ रही है, लेकिन वैश्विक स्तर पर मामले बढ़ने और ब्रिटेन में वायरस का एक नया प्रकार सामने आने के मद्देनजर निगरानी, रोकथाम और सतर्कता बरकरार रखने की जरूरत है।’’
गृह मंत्रालय ने कहा, ‘‘निरूद्ध क्षेत्रों का सावधानीपूर्वक सीमांकन जारी रखा जाए, इन क्षेत्रों में संक्रमण के प्रसार के रोकथाम के लिए निर्धारित उपायों का सख्ती से पालन किया जाए, कोविड से जुड़े उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा दिया जाए और उन्हें सख्ती से लागू किया जाए तथा विभिन्न गतिवधियों के संदर्भ में सुझाई गई मानक संचालन प्रक्रिया(एसओपी) का पूरी गंभीरता से पालन किया जाए।’’