Rajasthan Politics: राजस्थान में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने रविवार रात कहा कि राज्य में 2023 विधानसभा चुनाव के रुझान आने शुरू हो गए हैं। राजस्थान में अशोक गहलोत की जगह किसी दूसरे नेता को चुनने के लिए रविवार शाम 7 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी थी, जो हो नहीं सकी लेकिन कुछ और हो गया। गहलोत समर्थक 93 विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफा सौंप दिया। सोनिया गांधी के भेजे गए पर्यवेक्षकों से मिलने से पहले ही गहलोत समर्थक विधायकों ने अपना फैसला सुना दिया।
सतीश पूनियां ने ट्वीट कर साधा निशाना
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पूनियां ने ट्वीट किया, ‘‘रूझान आने प्रारंभ… 2023 में ‘जय भाजपा-तय भाजपा’’’। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘इतनी अनिश्चितता तो आज भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच में भी नहीं है जितनी राजस्थान की कांग्रेस पार्टी में नेता को लेकर है।" सतीश पूनियां ने अपने ट्वीट में लिखा, "विधायकों की बैठकें अलग चल रही है, इस्तीफों का सियासी पाखंड अलग चल रहा है। ये क्या राज चलाएंगे, कहां ले जाएंगे ये राजस्थान को, अब तो भगवान बचाए राजस्थान को…।" गौरतलब है कि राजस्थान में नाटकीय घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार विधायकों ने अपने इस्तीफे सौंपने के लिए रविवार रात विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी के निवास जाने का फैसला किया।
गहलोत और पायलट के बीच सत्ता संघर्ष
यह घटनाक्रम ऐसे वक्त हुआ है जब विधायक दल की बैठक में गहलोत के उत्तराधिकारी को चुनने की संभावना है। इस स्थिति से मुख्यमंत्री और सचिन पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष गहराने का संकेत मिल रहा है। गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे इसलिए उनके उत्तराधिकारी को चुने जाने की चर्चा है। कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन, गहलोत के साथ मुख्यमंत्री निवास पहुंचे जहां कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने वाली है। पायलट भी वहां पहुंचे।
गहलोत के समर्थन में करीब 93 विधायक
सूत्रों ने बताया कि वहां करीब 25 विधायक मौजूद थे। हालांकि, मुख्यमंत्री के वफादार विधायकों के एक बड़े समूह ने मंत्री शांति धारीवाल के निवास पर बैठक की और अपना इस्तीफा सौंपने के लिए अध्यक्ष सी पी जोशी के निवास पर जाने का फैसला किया। राज्य के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम बस से विधानसभा अध्यक्ष के निवास जा रहे हैं और अपना इस्तीफा सौंपेंगे।’’ सूत्रों ने दावा किया कि समूह में निर्दलीय समेत करीब 93 विधायक हैं।