राजस्थान में मचे सियासी घमासान (Rajasthan Political Crisis) के बीच अशोक गहलोत के करीबी डॉ. महेश जोशी ने अजय माकन पर पलटवार करते हुए कहा है कि अगर हम वफादार नहीं होते तो कांग्रेस की सरकार कब की गिर गई होती। दरअसल, जोशी का यह बयान तब आया है जब कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी और पर्यवेक्षक अजय माकन ने कहा था कि अशोक गहलोत के गुट के विधायकों ने जिस तरह का बर्ताव दो दिनों में किया है वो अनुशासनहीनता में आता है।
अशोक गहलोत सरकार के मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने अपने बयान में कहा कि वफादारी उन लोगों को साबित करनी चाहिए, जिन पर सवाल उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा हम लोगों की वफादारी पर अगर कोई शक खड़ा करेगा तो हम उस वफादारी को हर हाल में सिद्ध करेंगे। जोशी ने कहा हमने आलाकमान के प्रति वफादारी में कोई कमी नहीं रखी। हमारी वफादारी नहीं होती तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार कब की गिर गई होती। हम पार्टी के लोग हमेशा निष्ठावान रहे हैं।
फटकार के बाद बदले हैं विधायकों के सुर
कांग्रेस हाईकमान की फटकार के बाद गहलोत खेमे के इस्तीफा देने वाले विधायकों के सुर बदलने लगे हैं। अब इन इस्तीफा देने वाले विधायकों का कहना है कि उन्हें हाईकमान का हर फैसला मंजूर है। संदीप यादव गहलोत की सरकार बचाने में बहुत महत्वपूर्ण हैं और वह अब हाईकमान का फैसला मंजूर करने की बात कर रहे हैं।
दिल्ली में सचिन पायलट का डेरा
राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच सचिन पायलट दिल्ली स्थित अपने आवास 5 कैनिंग लेन पहुंचे हैं। सचिन पायलट सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं हालांकि ये मुलाकात कब होगी, कितने बजे होगी अभी आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी गई है। सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी की तरफ से अभी मुलाकात के लिए अप्वाइंटमेंट पायलट को नहीं मिला है लेकिन इस बीच खबर ये भी है कि सचिन पायलट अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पार्टी के दूसरे बड़े नेताओं से मिल सकते हैं।
सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई है कि कांग्रेस आलाकमान अब क्या फैसला लेगा। बता दें कि सचिन पायलट ने सोमवार को ये बयान दिया था कि वो अभी दिल्ली नहीं जा रहे हैं और जयपुर में ही हैं। आलाकमान के फैसले के बाद ही वो फैसला करेंगे। ऐसे में मंगलवार को पायलट के दिल्ली जाने से सियासी गलियारों में बहस तेज हो गई है।