राजस्थान के बाड़मेर में एक पुजारी ने पुलिस की पूछताछ से तंग आकर आत्महत्या कर ली। पुजारी ने फांसी पर लटकने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा जिसमें पुजारी ने जिक्र किया है कि एक चोरी के केस में पुलिस की पूछताछ से वह परेशान था। पुजारी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, 'मैं चोर नहीं हूं.. मरते समय झूठ नहीं बोल रहा हूं, सबको मेरा आखिरी सलाम..' आत्महत्या करने वाले 55 वर्षीय पुजारी भीमदास ने बुधवार को मंदिर में ही फांसी लगा ली।
'मुझे बदनाम किया गया'
आत्महत्या करने वाले पुजारी ने अपने सुसाइडनोट में लिखा है कि उसके मरने के बाद उसके किसी करीबी को परेशान ना किया जाए। पुजारी ने लिखा, 'विवेक बेटा मैंने कोई चोरी नहीं की,स मुझे बदनाम किया गया। मैंन अब तक जो कमाया उस पर पानी फेर दिया गया।' पुजारी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं मरना नहीं चाहता था, लेकिन मैं बदनामी से परेशान हूं।
हिंगलाज माता मंदिर में चोरी हुई थी
दरअसल, सोमवार को बाड़मेर के समदड़ी कस्बे के बावड़ी चौक के नजदीक बने हिंगलाज माता मंदिर में लगभग 7 किलो चांदी और 10 हजार रुपए की चोरी हुई थी। चोरी की घटना के बाद भक्तों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस जब वारदात वाली जगह पर पहुंची तो उसने देखा की मंदिर में चोरी तो हुई है लेकिन मंदिर का ताला नहीं टूटा है, जिसके बाद पुलिस ने मंदिर के पुजारी और आस-पास रहने वाले लोगों से पूछताछ की।
10 साल से मंदिर में था पुजारी
पुजारी भीमदास की बात करें तो वह पिछले दस साल से इस मंदिर की सेवा कर रहा था। पुजारी के साथ उसका पूरा परिवार समदड़ी कस्बे में रहता था। पुजारी का एक बेटा और एक बेटी हैं।