मेवात में साइबर ठगों के खिलाफ एक्शन, राजस्थान पुलिस ने चलाया 'ऑपरेशन एंटी वायरस'
मेवात का इलाक़ा लंबे वक्त से अपराध और अपराधियों के लिए बदनाम है। 2020 में लॉकडाउन के बाद से यहां साइबर क्राइम तेज़ी से बढ़ा। आज देश भर में होने वाले कुल साइबर क्राइम का 18 फीसदी मेवात में ही होता है।
राजस्थान के मेवात इलाके में पुलिस ने एक इंटरनेशनल साइबर रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इंटरनेट और मोबाइल फोन के जरिए मासूम लोगों से लूट का एक बड़ा खुलासा किया है और ब्लैकमेल करके साइबर ठगी करने वालों को पकड़ा है। मेवात में राजस्थान पुलिस ने ऑपरेशन एंटी वायरस शुरू किया है। ये ऑपरेशन साइबर ठगी करने वालों के खिलाफ चलाया जा रहा है। पुलिस ने साइबर ठगी करने वालों के कब्जे से हजारों सिम कार्ड, मोबाइल फोन्स, फंड ट्रांसफर करने वाली स्वाइप मशीनें और कैश काउंट करने वाली मशीनें तक जब्त की हैं।
आपरेशन शुरू क्यों हुआ?
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लोकसभा चुनाव में कैंपेन के दौरान जब तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश, असम, ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में गए तो हर जगह उनको एक ही शिकायत मिली कि मेवात के साइबर ठग भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में लोगों को ठग रहे हैं। ये सुनकर भजन लाल शर्मा हैरान रह गए। हर राज्य में वहां के सीनियर अफसरों और मंत्रियों ने बताया कि वो भी साइबर ठगी के शिकार हुए हैं, हर बार जांच में साइबर ठगों की लोकेशन, मेवात की मिली। इसलिए सबने भजनलाल शर्मा से कहा कि जैसे भी हो, मेवात में साइबर क्राइम के इस धंधे को बंद कराइए। इसके बाद भजनलाल शर्मा ने राजस्थान पुलिस को साइबर क्राइम के खिलाफ अभियान का आदेश दिया और उसी का नतीजा है कि मेवात में ठगों के नेटवर्क के खिलाफ एक्शन हो रहा है
7 हजार करोड़ से ज्यादा की ठगी
आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ एक साल में सात हजार करोड़ से ज्यादा की रकम साइबर क्रिमिनल्स ने ठगी की है। इस साल अब तक साइबर क्राइम की साढ़े सात लाख शिकायतें पुलिस को मिल चुकी हैं। जबकि पिछले साल ये आंकड़ा पन्द्रह लाख से ज्यादा था। इसलिए खतरा बहुत बड़ा है और साइबर ठगों का नेटवर्क बहुत लंबा चौड़ा है। चौंकाने वाली बात ये है कि मेवात इलाके में कई गांव इस तरह के क्राइम में लगे हैं। घर घर कॉल सेंटर खुले हुए हैं। वहां लड़के लड़कियों को सैलरी पर रखा गया है जिनका काम दिनभर फोन करके लोगों को ठगी के जाल में फंसाना है।
रोजाना 500 मामले
राजस्थान पुलिस ने साइबर क्राइम के खिलाफ ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत जो रेड्स की उसमें इंडिया टीवी की टीम भी पुलिस के साथ थी। हरियाणा और राजस्थान में फैले मेवात रीजन से रोज़ाना साइबर ठगी के कम से कम पांच सौ मामले सामने आ रहे थे। लोगों को इन्वेस्टमेंट का लालच देकर, कभी डिजिटल अरेस्ट का ड्रामा करके। कभी बिजली,पानी, या फोन का कनेक्शन कटने की धमकी देकर, कभी सैक्सटॉर्शन के जरिए ठगा जा रहा था।
कैसे करते हैं ठगी का काम?
मेवात में साइबर जुर्म को अंजाम देने के लिए अलग अलग गैंग काम कर रहे हैं। साइबर क्राइम का काम गैंग्स ने आपस में बांट लिया है। कोई गैंग लोगों के नंबर का इंतज़ाम करता है, किसी के ज़िम्मे फेक प्रोफाइल बनाना है तो कोई गैंग, पैसे विड्रॉ करने का ही काम करता है। साइबर क्राइम करने वालों में महिलाएं और बुज़ुर्ग भी शामिल हैं। मेवात में साइबर क्राइम इतना ऑर्गेनाइज़्ड हो गया है कि कुछ लोगों ने तो साइबर क्राइम के कॉल सेंटर भी खोल लिए हैं। और वो इससे अरबों रुपए कमा चुके हैं। मेवात में जो साइबर क्राइम सबसे ज़्यादा हो रहा है वो sextortion है। राहुल प्रकाश ने बताया कि मेवात के साइबर गैंग किसी लड़की की फेक प्रोफाइल पिक लगाकर लोगों को फंसाते हैं और फिर उनको ब्लैकमेल करके पैसे ऐंठते हैं।
अब तक 400 से ज्यादा गिरफ्तारी
सिर्फ मेवात रीजन में साइबर क्राइम की 150 से ज़्यादा FIR दर्ज की गई हैं। अब तक 400 से ज्यादा ठग अरेस्ट किए जा चुके हैं। उनके पास से लगभग एक हज़ार मोबाइल 300 ATM कार्ड, डेढ़ हज़ार सिम कार्ड, 10 माइक्रो ATM, 6 स्वाइप मशीनें, 31 फोर व्हीलर, 27 टू व्हीलर, 8 लैपटॉप, एक टैबलेट, 6 कंप्यूटर ज़ब्त किए गए हैं। पुलिस को ठगों के पास फिंगर प्रिंटिंग मशीन और कैश काउंटिंग मशीनें के अलावा हथियार भी मिले हैं। भरतपुर रेंज के IG राहुल प्रकाश ने बताया कि ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत, कुछ आरोपियों के घरों पर बुलडोज़र भी चलाए गए हैं। पुलिस की सख्ती का असर दिख रहा है।
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