Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह राज्य के स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरियों में शत-प्रतिशत आरक्षण देने की योजना पर काम कर रही है। राज्य सरकार फिलहाल इससे जुड़े कानूनी पहलू का अध्ययन कर रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह उपाय सुप्रीम कोर्ट की भावना के खिलाफ है। मंगलवार को यूथ एक्सीलेंस सेंटर के शिलान्यास समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "पिछले कुछ दिनों से राज्य के स्थानीय युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग की जा रही है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की भावना के मुताबिक यह सही नहीं है। मैं इसके कानूनी पहलू का अध्ययन कर रहा हूं। अगर यह हकीकत बन जाता है, तो राजस्थान देश का पहला राज्य होगा जहां स्थानीय युवाओं को पूर्ण आरक्षण मिलेगा।"
'3 लाख पदों पर युवाओं को रोजगार दिया जाएगा'
उन्होंने, "मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आप ऐसा नहीं कर सकते। हालांकि, एक या दो राज्यों ने इस पहलू पर फैसला किया है। मैं इसका अध्ययन कर रहा हूं और आगे आपसे (इस मोर्चे पर काम करने का) वादा करूंगा, क्योंकि मैं ऐसा काम करना चाहता हूं कि आप इसे हमेशा याद रखेंगे।" रोजगार के मोर्चे पर अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुए गहलोत ने कहा, "राजस्थान में सरकार बनने के बाद 1.25 लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार दिया गया है। एक लाख नौकरियां प्रक्रियाधीन हैं, जबकि एक लाख और भर्तियां की जाएंगी। ऐसे में तीन लाख पदों पर युवाओं को रोजगार दिया जाएगा, फिर भी युवा इसका विरोध कर रहे हैं जो पूरी तरह गलत है।"
हरियाणा में प्राइवेट सेक्टर में 75% नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित
निर्दलीय विधायक बलजीत यादव स्थानीय युवाओं के लिए नौकरियों में आरक्षण की मांग उठा रहे है। इस साल हरियाणा ने एक कानून अधिसूचित कर निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित की है लेकिन 30,000 रुपये की आय सीमा और प्रदेश में न्यूनतम पांच साल रहने की शर्त लगाई है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सभी को समान अवसर देना सरकार की जिम्मेदारी है और उनकी सरकार इसी सोच के साथ काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनका ध्यान अगले साल युवाओं द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर युवा केन्द्रित बजट पेश करने पर रहेगा।
उन्होंने युवाओं से संवाद करने, चर्चा करने और अन्य राज्यों में युवा केंद्रित योजनाओं के बारे में प्रतिक्रिया लेने और राज्य सरकार को इस उद्देश्य के लिए सुझाव देने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा प्रयास होगा कि आने वाले वक्त में प्रदेश अच्छे प्रतिबद्धता वाले नेतृत्व के हाथों में सुरक्षित रहे..यह हम सब की भावना होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से वह तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कहा कि यह उनका कर्तव्य है कि जब तक वह मुख्यमंत्री है वह गरीबों, वंचितों की सेवा में अपना जीवन समर्पित करे।
'अग्निपथ योजना पर फैसले से पहले संसद में चर्चा होनी चाहिए थी'
गहलोत ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि युवा नेतृत्व अनुशासित, प्रतिबद्ध, देश सेवा में जज्बा रखने वाला, संवेदनशील होगा। इस प्रकार की भावना के साथ अगर हम लोग राजनीतिक कार्यकर्ता तैयार करेंगे तो मैं समझता हूं हमारे प्रदेश का भला होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का दायित्व होना चाहिए कि अमीर हो या गरीब हो, सबको आगे बढने का समान अवसर मिले.. सरकार के फैसले ऐसे होने चाहिए कि जिससे कि उसमें भेदभाव नहीं हो। गहलोत ने सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ योजना’ को एक प्रयोग बताते हुए इसे लागू करने के लिए NDA सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि फैसले से पहले संसद में चर्चा होनी चाहिए थी।