Rajasthan News: राजस्थान के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने जालौर में दलित छात्र के मौत मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की वकालत करते हुए बुधवार को कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मूल रूप से बसपा के चुनाव चिन्ह पर निर्वाचित हुए विधायक कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेने से पीछे नहीं हटेंगे। साथ ही मंत्री ने कहा कि किसी भी अपराध को किसी समाज विशेष से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
समर्थन वापस लेने की धमकी
सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी देते हुए गुढ़ा ने मीडिया से कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि अगर सरकार (दलित छात्र मौत मामले में) कोई कार्रवाई नहीं करेगी और उस दलित परिवार को न्याय नहीं मिलेगा तो हम और हमारे सभी साथी इस सरकार के साथ, चाहे हमें हमारी सदस्यता क्यों ना खोनी पड़े, उस लेवल (समर्थन वापस लेने) तक चले जांएगे।’’बता दें कि गुढ़ा उन 6 विधायकों में से हैं जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव बसपा की टिकट पर जीता था लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
गौरतलब है कि जालौर में 9 वर्षीय दलित छात्र इंद्र कुमार को 20 जुलाई को स्कूल में घड़े को छूने के आरोप में कथित तौर पर एक शिक्षक ने पीटा था। उसकी 13 अगस्त को अहमदाबाद के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में आरोपी शिक्षक छैल सिंह (40) को गिरफ्तार कर लिया गया है
इससे पहले मामले को लेकर कांग्रेस के 12 पार्षदों ने मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेज दिया
इससे पहले मामले को लेकर राजस्थान की बारां नगर परिषद के 12 कांग्रेस पार्षदों ने पार्टी के विधायक पानाचंद मेघवाल का समर्थन करते हुए दलितों पर कथित अत्याचार के विरोध में मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना इस्तीफा भेज दिया था। जालौर में कथित तौर पर पेयजल वाले घड़े को छूने को लेकर स्कूल शिक्षक द्वारा पीटे जाने से 9 वर्षीय दलित लड़के की मौत के 2 दिन बाद बारां-अटरू से विधायक मेघवाल ने सोमवार को गहलोत को अपना इस्तीफा भेजा था। इस बीच, जालौर के सुराणा गांव में लड़के के परिजनों से मिलने के लिए विभिन्न राजनीतिक नेता पहुंचे थे।
बता दें कि कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट मंगलवार को पीड़ित परिवार से मिलने बच्चे के घर पहुंचे थे और कहा था कि दलित समुदाय का विश्वास जीतने के लिए एक मजबूत संदेश देने की जरूरत है। इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने दलित लड़के के परिवार को पार्टी फंड से 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की और त्वरित मुकदमे का वादा किया था। वह महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ममता भूपेश, लोक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव और आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल के साथ सुराणा गांव पहुंचे थे।