A
Hindi News राजस्थान राजस्थान: भारत-पाक बॉर्डर पर नशे के कारोबारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 22 तस्करों के घर पर चला बुलडोजर

राजस्थान: भारत-पाक बॉर्डर पर नशे के कारोबारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 22 तस्करों के घर पर चला बुलडोजर

नशे के कारोबार पर नकेल कसने के लिए राजस्थान की भजनलाल सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है और 22 तस्करों के घरों पर बुलडोजर चलाया है। ये तस्कर पाकिस्तान से आने वाली हेरोइन की सप्लाई करते थे।

India Pakistan border- India TV Hindi Image Source : INDIA TV भजनलाल सरकार ने नशे के कारोबार पर नकेल कसी

श्रीगंगानगर: राजस्थान की भजनलाल सरकार नशे के कारोबार पर नकेल कसने के लिए बड़ी कार्रवाई कर रही है। भारत पाक सीमा पर श्री गंगानगर में अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन पुलिस द्वारा किया गया है। कुल 22 तस्करों के घर पर बुलडोजर चला है।

क्या है पूरा मामला?

साल 2024 में कई नशे का कारोबार करने वाले पुलिस के हत्थे चढ़े थे। इन पर एनडीपीएस के कई मामले दर्ज थे। इन अपराधियों के घर, मकान और संपत्तियों को सीज किया गया और घरों पर बुलडोज़र भी चलाए गए।

इनमें से अधिकांश तस्कर पाकिस्तान से आने वाली हेरोइन की सप्लाई करते थे। पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन से हेरोइन के बड़े-बड़े पैकेट भी गिराए जाते हैं, उनको सीज़ किया जाता है। पंजाब से लगती सीमा होने के चलते बड़ी तादाद में यहां नशे की खेप सप्लाई करने के लिए तस्कर प्रयास करते हैं।

इन तस्करों को गिरफ्तार कर उनके घरों में बुलडोजर चलाए गए हैं। कुछ दिन पहले ये कार्रवाई एक साथ हुई है। SP गौरव यादव के निर्देशन में ये कार्रवाई हुई है।

लिस्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हालही में लगाई थी बुलडोजर एक्शन पर रोक

हालही में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए पूरे देश में बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी थी। उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में बुलडोजर की कार्रवाई के खिलाफ दाखिल जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिया गया था। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने ये निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगले आदेश तक देश भर में तोड़फोड़ पर रोक रहेगी। हालांकि, ये आदेश पब्लिक रोड, गली, वाटर बॉडी, फुटपाथ, रेलवे लाइन आदि पर अवैध कब्जों पर लागू नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ⁠देश में बुलडोजर न्याय का महिमामंडन और दिखावे को इजाजत नहीं दी जा सकती।

सुनवाई में जस्टिस गवई ने कहा कि नैरेटिव से हम प्रभावित नहीं हो रहे। हम ये साफ कर चुके है कि हम अवैध निर्माण को संरक्षण देने के पक्ष में नहीं है। लेकिन एग्जीक्यूटिव जज नहीं बन सकते हैं। ज़रूरत है कि डिमोलिशन की प्रकिया स्ट्रीमलाइन हो। इसके बाद जस्टिस बीआर गवई ने आदेश में लिखवाया कि सड़कों, गलियों, फुटपाथ या सार्वजनिक जगहों पर किए अवैध निर्माण को समुचित प्रक्रिया के साथ ढहाने की छूट रहेगी।