Rajasthan: राजधानी जयपुर से एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां एक पुजारी ने पेट्रोल उड़ेलकर खुद को आग लगा ली। स्थानीय लोगों ने पुजारी को बचाने का प्रयास किया लेकिन तब वह 60% तक जल गया। गंभीर हालत में पुजारी को सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया है। पुजारी की हालत नाजुक बनी हुई है। इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, मुरलीपुरा थाना इलाके के शंकर विहार स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर का है, जहां मंदिर समिति के सदस्य पुजारी गिर्राज शर्मा को मंदिर से हटाना चाहते थे। इसी कारण आए दिन पूजारी को परेशान किया जा रहा था। उनपर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे थे। जिसके चलते गुरुवार तड़के पुजारी गिर्राज शर्मा ने खुद को आग लगा ली। पुलिस ने घटना वाले इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों को अपने कब्जे में ले लिया है। मंदिर की स्थापना 2002 में हुई थी। शुरुआती जांच से पता चलता है कि मंदिर समिति के सदस्यों और शर्मा के बीच विवाद चल रहा था, जो कई सालों से मंदिर में रह रहे हैं। पुजारी को अपने परिवार के साथ मंदिर परिसर खाली करने के लिए कहा गया था। शर्मा ने गुरुवार सुबह मंदिर विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष मूलचंद मान के घर के बाहर खुद को आग लगा ली।
मंदिर समिति के पदाधिकारियों पर आरोप
पुलिस ने बताया कि लक्ष्मी नारायण मंदिर में करीब 25 सालों से गिर्राज शर्मा पूजा पाठ का काम देखते है। आज सुबह करीब 6 बजे सूचना मिली कि मंदिर के पुजारी ने खुद को आग लगा ली। सूचना के बाद मुरलीपुरा पुलिस मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से पुजारी गिर्राज शर्मा को अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उनका बर्न वार्ड में उपचार चल रहा हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने FSL की टीम को मौके पर बुलाकर मामले की जांच को आगे बढ़ाया है।
स्थानीय लोगों ने मंदिर समिति के पदाधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि पुजारी गिर्राज शर्मा पिछले कई सालों से मंदिर में पूजा पाठ के साथ ही मंदिर की साफ-सफाई और रखरखाव का काम कर रहे है। कुछ समय पहले ही मंदिर की समिति बनाई गई है जिसने पुजारी को परेशान करना शुरू कर दिया।
2 महीने से कुछ लोग कर रहे थे पुजारी को परेशान
पुजारी की पत्नी चंद्रकांता ने कहा, "पिछले दो महीने से कुछ लोग उन्हें परेशान कर रहे थे। बुधवार शाम को भी उन्होंने ऐसा ही किया। पंडित जी बिना किसी स्वार्थ के मंदिर में पूजा करते थे, लेकिन ये लोग जानते हुए भी उसे परेशान करते रहे कि उसने किसी से पैसे नहीं लिए।" मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों को थाने बुलाया गया है, वहीं मूलचंद मान अपने घर पर नहीं मिला।