जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। राज्य सरकार इसको लेकर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करेगी। राजस्थान के सीएम गहलोत ने कल रात अपने आवास पर हुई बैठक के बाद ये फैसला लिया है। बता दें कि राजस्थान हाई कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में निचली अदालत का फैसला पलटते हुए उन चार आरोपियों को बरी कर दिया जिन्हें विशेष अदालत ने 2019 में फांसी की सजा सुनाई थी।
साल 2019 में सुनाई गई थी फांसी की सजा
गौरतलब है कि राजस्थान की विशेष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को जयपुर सीरियल ब्लास्ट केस में आरोपी मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को दोषी माना जबकि शाहबाज हुसैन को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया। राज्य सरकार ने शाहबाज हुसैन को बरी किए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। वहीं, चारों ने सजा के खिलाफ अपील दायर की थी। अब इस मामले में निचली अदालत का फैसला पलटते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने चारों आरोपियों को बरी कर दिया है। इन्हें विशेष अदालत ने साल 2019 में फांसी की सजा सुनाई थी।
2008 के सीरियल ब्लास्ट में गई थी 71 जानें
बता दें कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को सिलसिलेवार आठ बम धमाकों में कम से कम 71 लोगों की मौत हुई थी और 180 से अधिक लोग घायल हुए थे। इन आठ बम धमाकों ने जयपुर के परकोटे शहर को हिला दिया था। पहला धमाका चांदपोल हनुमान मंदिर और उसके बाद दूसरा सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर पर हुआ था। इसके बाद बड़ी चौपड़, जोहरी बाजार, छोटी चौपड़ और तीन अन्य स्थानों पर धमाके हुए थे। बम साइकिल पर टिफिन बॉक्स में रखे गए थे। रामचंद्र मंदिर के पास से एक जिंदा बम बरामद किया गया, जिसे बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया था। फिलहाल जो मामला चल रहा है वह इसी से जुड़ा है।
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