राजस्थान के कोटा में देश के अलग-अलग कोने से छात्र NEET और JEE जैसे अनेक परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं। मगर अभी कोटा में छात्रों के आत्महत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गहलोत सरकार ने कोटा के कोचिंग संचालकों के साथ शुक्रवार को एक अहम बैठक की। उस बैठक में अशोक गहलोत ने एक कमेटी गठित कर 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने के लिए आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने और क्या कहा?
कोचिंग सेंटर के संचालकों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 9वीं और 10वीं के छात्रों को यहां पर दाखिला देकर आप आपराध कर रहे हैं। इसमें छात्रों के माता-पिता की भी गलती है। 9वीं और 10वीं के छात्रों पर डबल प्रेशर बन जाता है। उन्हें क्लास में भी पास होना होता है और इसके साथ ही एंट्रेंस एग्जाम का भी प्रेशर रहता है।
मुख्यमंत्री ने आगे बात करते हुए कहा कि, अब इस प्रणाली में बदलाव करने का समय आ गया है क्योंकि हम बच्चों को आत्महत्या करते हुए नहीं देख सकते हैं। एक बच्चे की भी मौत उनके माता-पिता के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। अब इस सिस्टम को बदलने की जिम्मेदारी आपकी है। इसमें सरकार हमेशा आपके साथ खड़ी रहेगी।
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