बाड़मेर: लोकतंत्र में एक-एक वोट बेशकीमती होता है। देश के हर नागरिक को मतदान का अधिकार मिले और आमजन ज्यादा से ज्यादा मतदान में हिस्सा लें इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग हमेशा से ही प्रयास कर रहा है। इसी के चलते निर्वाचन आयोग ने राजस्थान के बाड़मेर जिले में प्रदेश का सबसे छोटा पोलिंग बूथ बनाया है। ये मतदान केंद्र भारत पाक सीमा पर स्थित एक छोटे से गांव में रहने वाली एक ही परिवार के लिए बनाया गया है। इस परिवार में कुल 35 सदस्य हैं।
क्यों बनाना पड़ा सबसे छोटा पूलिंग बूथ?
दरअसल, पाकिस्तान सीमा से सटे बाड़मेर वाला बॉर्डर चौकी पोस्ट के पास स्थित बाड़मेर का पार गांव में एक ही परिवार के 35 लोग रहते हैं। इससे पहले इस गांव के लोगों को वोट डालने के लिए 20 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। सीमावर्ती क्षेत्र और सड़कों के अभाव के चलते इन लोगों को या तो यह दूरी पैदल पर चलकर तय करनी पड़ती थी या फिर ऊंट के सहारे दूसरे मतदान केंद्र तक जाना पड़ता था। लेकिन महिलाओं और बुजुर्गों के लिए इतना दूर जाना संभव नहीं था। ऐसे में गांव के पुरुष ही मतदान में हिस्सा ले पाते थे।
इस बूथ पर हैं कुल 35 मतदाता
लिहाजा निर्वाचन आयोग ने इस गांव में एक अलग से मतदान बूथ की स्थापना की है, जिसको लेकर गांव वालों ने खुशी जाहिर की है। गांव वालों का कहना है कि अब वह भी लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व मतदान में हिस्सा ले पाएंगे। भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित बाड़मेर का पार राज्य का सबसे छोटा मतदान केंद्र है। इस केंद्र पर 17 महिलाएं और 18 पुरुष मिलाकर कुल 35 मतदाता ही हैं। निर्वाचन विभाग द्वारा हर किसी को मतदान का अधिकार मिले, इसके लिए किया जा रहा ये प्रयास सराहनीय है।
केवल 5 लोगों के लिए पोलिंग बूथ
इसी तरह छतीसगढ़ में भी एक सबसे छोटा मतदान केंद्र है। राज्य की पहली विधानसभा भरतपुर सोनहत के शेराडांड़ गांव में केवल पांच मतदाता हैं। इन पांच वोटरों के लिए प्रशासन अलग से मतदान केंद्र बनाता है। यह मतदान केंद्र छतीसगढ़ का सबसे छोटा मतदान केंद्र है और सम्भवतः देश का भी सबसे छोटा मतदान केंद्र शेराडांड़ ही है। घने जंगलों के बीच इस शेराडांड़ में केवल तीन घर हैं।
(रिपोर्ट- कन्हैयालाल दलोरा)
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