राजस्थान की इस सीट पर गजब का मुकाबला, गहलोत-पायलट और वसुंधरा के वफादारों में भिड़ंत; तीनों की बदल गई है पार्टी
दिलचस्प मुकाबले के चलते राजस्थान के सीकर की एक विधानसभा सीट चर्चा में है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के वफादारों की इस सियासी जंग पर पूरे राज्य की निगाहें लगी हुई है।
पहले दावे और फिर एक-दूसरे पर पर्सनल छींटाकशी के बाद अब आज राजस्थान में राज और रिवाज बदलने के लिए वोटिंग का दिन है। राज और रिवाज दोनों की चाबी सूबे की 5 करोड़ 25 लाख जनता के पास हैं जो आज अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अगले 5 साल के लिए राजस्थान का भविष्य लिखने जा रही है लेकिन अशोक गहलोत को अपनी 7 गारंटियों पर भरोसा है जबकि बीजेपी दावा कर रही है कि इस बार भी राज बदलेगा।
3 दिग्गजों के वफादारों ने एक-दूसरे के खिलाफ ठोकी ताल
वहीं, राजस्थान में इस बार अजब सियासत के गजब रंग देखने को मिल रहे है। कहीं रिश्तेदारों के बीच आपसी जंग हो रही है तो कहीं पुराने करीबियों ने ही एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक दी है। राजस्थान में ऐसी ही एक सीकर की खंडेला विधानसभा सीट है, जिस पर रोचक मुकाबला हो रहा है। दरअसल, इस सीट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट तीनों के वफादारों ने एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक दी है। सबसे मजे की बात यह है कि तीनों उम्मीदवार इस बार बदली हुई पार्टी के टिकट पर चुनावी अखाड़े में कूदे हैं।
- कांग्रेस ने खंडेला विधानसभा सीट पर महादेव सिंह खंडेला को चुनावी अखाड़े में उतारा है। महादेव खंडेला को सीएम गहलोत का करीबी माना जाता रहा है।
- सुभाष मील को सचिन पायलट का वफादार माना जाता रहा है, लेकिन पायलट इस बार मील को टिकट दिलाने में कामयाब नहीं हो सके। इससे नाराज होकर मील ने पाला बदल दिया और अब वे भाजपा उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस को चुनौती दे रहे हैं।
- बंशीधर बाजिया को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता रहा है, लेकिन इस बार वे भाजपा का टिकट पाने में कामयाब नहीं हो सकी। इससे नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस की लड़ाई में बाजिया भी अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
बता दें कि जाट बहुल इस सीट पर बाजिया के साथ ही कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार भी जाट ही हैं। इस कारण दिलचस्प मुकाबले के चलते खंडेला सीट चर्चा में है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के वफादारों की इस सियासी जंग पर पूरे राज्य की निगाहें लगी हुई है। अब देखने वाली बात होगी कि तीनों में कौनसा प्रत्याशी इस सीट पर बैठता है।
BJP-कांग्रेस ने इन बड़े दिग्गजों पर लगाया दांव
राजस्थान में इस बार बीजेपी ने चुनाव प्रचार में खूब दमखम दिखाया। प्रचार के आखिरी दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी की कमान संभाली तो कांग्रेस के दिग्गज राहुल और प्रियंका भी मैदान में उतरे। इस बार बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही दिग्गजों पर दांव लगाया है। कांग्रेस ने राजस्थान के रण में बड़े चेहरों की फौज उतारी है...
- कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा
- पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट
- विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी
- कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल
- बीडी कल्ला, ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास मैदान में हैं।
वहीं बीजेपी ने भी इस बार सांसद और मंत्रियों पर दांव लगाया है-
- बीजेपी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे
- सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौड़
- बाबा बालकनाथ और किरोड़ी लाल मीणा
- नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़,
- पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया,
- और गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला पर दांव लगाया है।
इस बार के विधानसभा चुनाव 2024 की पिक्चर साफ करने वाले साबित हो सकते हैं। राजस्थान में हर विधानसभा चुनाव में राज यानी सरकार बदलने का रिवाज है ऐसे में बीजेपी को जहां अपने संकल्प पत्र की घोषणा और राजस्थान के रिवाज से बड़ी उम्मीद है वहीं कांग्रेस रिवाज बदलकर राज कायम रखने का दावा कर रही है।
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