Rajasthan: बूंदी जिले में रुपयों के विवाद में 35 वर्षीय दलित मजदूर का कथित तौर पर अपहरण कर बंधक बनाने का मामला सामने आए एक सप्ताह हो चुका है। लेकिन अब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। बता दें कि पिछले हफ्ते एक मजदूर को उधारी न दे पाने के कारण अपहरण कर मवेशियों के स्थान पर जंजीर से बांधकर रखने और यातना देने की घटना समाने आई थी।
कार्रवाई को लेकर क्या बोली पुलिस?
इस मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए दो टीमें बनाई गई हैं। पीड़ित राधेश्याम मेघवाल ने 24 मई को शिकायत दर्ज कराई थी कि परमजीत सिंह और पांच अन्य लोग 22 मई को उसका अपहरण कर अल्फा नगर लेकर गए थे। शिकायत के मुताबिक राधेश्याम को मवेशियों को रखने के स्थान पर जंजीर से बांधकर करीब 31 घंटे तक यातना दी गई और छोटे भाई के आने पर ही वह मुक्त हो सका। पुलिस ने बताया कि इस घटना के पीछे रुपयों का विवाद है।
पीड़ित पर कितनी है उधारी?
पीड़ित राधेश्याम मेघवाल जिले के तालेरा पुलिस थानांतर्गत बिलुबा गांव का निवासी है और परमजीत सिंह ने उसे तीन साल पहले अपने फार्म हाउस में काम करने के लिए रखा था और कथित तौर पर 70 हजार रुपये का अग्रिम भुगतान किया था। इसके बाद मेघवाल ने बहन की शादी के लिए 30 हजार रुपये का कर्ज लिया। मेघवाल का दावा है कि उसने 50 हजार रुपये वापस कर दिए हैं और सिंह के फार्म हाउस पर 10 दिन बिना किसी पगार के काम किया तथा बाकी रुपये नहीं लौटा सका। हालांकि, सिंह ने बाद में दावा किया कि मेघवाल पर उसके 1,10,000 रुपये बकाया हैं और उसने रुपयों की वापसी के लिए दबाव डाला था।
मवेशीयों के स्थान पर जंजीर से बांधा
पुलिस से की गई शिकायत के मुताबिक रुपये वापस लेने के लिए सिंह ने अपने भाई और अन्य चार लोगों के साथ मेघवाल का अपहरण कर लिया। तहरीर के मुताबिक सिंह ने मेघवाल को मवेशी रखने वाले स्थान पर जंजीर से बांध दिया और उसे यातना दी। यहां तक खाना-पानी भी नहीं दिया। शिकायत के अनुसार मेघवाल के भाई द्वारा कुछ राशि का भुगतान सिंह को किए जाने के बाद उसे छोड़ा गया। पुलिस उपाधीक्षक शंकर लाल ने कहा कि मजदूर की शिकायत के आधार पर सिंह और पांच अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निषेध) अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।