जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच की टकरार जगजाहिर है। अब राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के समय भी दोनों नेताओं के बीच की खींचतान बाहर आ गई है। लेकिन, यहां कांग्रेस आलाकमान एक्टिव हो गया है। दोनों नेताओं की मांगों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस आलाकमान कोई बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में है।
क्या चाहते हैं सचिन पायलट?
सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट चाहते हैं कि उनके कैंप के लगभग छह विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिले। इसके आलावा संगठन और राजनीतिक नियुक्तियों में भी जगह मिले। इसके साथ ही, सचिन पायलट अपनी भूमिका को लेकर भी स्पष्टता चाहते हैं कि वह राजस्थान में रहेंगे या फिर पार्टी के स्टार प्रचारक के तौर पर दिल्ली से पूरे देश में अन्य जगहों पर जाएंगे।
क्या चाहते हैं अशोक गहलोत?
सूत्रों के अनुसार, अशोक गहलोत चाहते हैं कि पायलट समर्थित विधायकों में से केवल 3 को ही मंत्रिमंडल में जगह दी जाए और उन तीन विधायकों का चयन भी खुद अशोक गहलोत ही करें। वह निर्दलीय और बसपा से आये विधायकों को भी एडजस्ट करना चाहते हैं, जिनके बूते सरकार बचाई है। वह 3 + 3 + 3 के फॉर्मूले को अपनाना चाहते है, जिसके मुताबिक 3 पायलट कैंप से और 6 निर्दलीय तथा बसपा विधायकों हों।
कांग्रेस आलाकमान क्या चाहता है?
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान का मानना है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाय और परफॉर्मेंस के आधार पर कुछ मंत्रियों को हटाएं तथा उनकी जगह नए लोगों को मौका दिया जाय। इस तरह से मंत्रिमंडल में कम से कम 15 मंत्रियों के फेरबदल की गुंजाइश बनेगी। बता दें कि अभी राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल मे 9 मंत्रियों की जगह खाली है।