झालावाड़: राजस्थान विधानसभा चुनाव बेहद ही रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है। यहां की लड़ाई भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है। हालांकि हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी और आम आदमी पार्टी भी कुछ सीटों पर मुकाबले में बनी हुई हैं। यह पार्टियां कई इलाकों में बीजेपी और कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे सकती हैं। चुनाव को देखते हुए पूरे प्रदेश में राजनीतिक तापमान बेहद ही गर्म है। उम्मीदवार और पार्टियां एक-दूसरे पर जमकर हमले बोल रहे हैं। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़ में एक जनसभा के दौरान बड़ी बात कह दी।
मुझे लग रहा है कि अब मैं रिटायर हो सकती हूं- राजे
झालावाड़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने कहा कि मुझे लग रहा है कि अब मैं रिटायर हो सकती हूं।" इसके बाद लोग तालियां बजाने लगे। राजे बोलीं, "मेरे पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह को आज सुनकर लगा कि हां वो ठीक है। आपलोगों ने उन्हें अच्छी तरह से सीखा-सीखाकर प्यार से रस्ते पर लगा दिया है। अब मुझे लगता है कि मुझे कुछ करने की जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि आज उनके ऊपर निगाह रखने की कोई जरूरत नहीं है। उनके ऊपर पड़ने की जरूरत नहीं है। वो आपलोगों के काम ऐसे ही करेंगे. ये झालावाड़ है और इस झालावाड़ को हम हमेशा याद रखेंगे।"
वसुंधरा राजे ने कहा कि झालावाड़ में इस बार मेरा 10वां नामांकन है। पहला नामांकन नवम्बर 1989 में सांसद के लिए भरा। लगातार 5 बार सांसद और 4 बार विधायक चुनी गई। आपने सांसद दुष्यंत सिंह को लगातार 4 बार सांसद बनाया। झालवाड़ के आशीर्वाद से 1998 में केंद्र में विदेश मंत्री बनी। उसके बाद केंद्र में लघु उद्योग, कृषि एवं ग्रामीण उद्योग, कार्मिक, लोक शिकायत, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे महत्वपूर्ण विभागों की मंत्री बनी। अभूतपूर्व बहुमत के साथ 2003 और 2013 में प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी। प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री भी बनीं।
Image Source : FACEBOOKवसुंधरा राजे
बीजेपी नेता ने कहा कि आप लोगों ने मुझे अभूतपूर्व प्यार और समर्थन दिया है। जिसको मैं जीवनभर नहीं भुला सकती हूं। आपने हमेशा मुझसे हमेशा एक बता कही कि आप नामांकन तो करने आई हैं, लेकिन अब यहां से अप नहीं बल्कि हम चुनाव लड़ेंगे। आप राज्य में अन्य जगहों पर जाकर पार्टी के लिए काम कीजिये। यहां से यहां की जनता ही चुनाव लड़ेगी और चुनाव जितवाकर आपको भेजेगी। आप लोग अपने क्षेत्र में ही डटे रहते हैं, लेकिन मैं सौभाग्यशाली हूं, कि मुझे पूरे समय झालावाड़ रुकने की आवश्यकता कभी नहीं हुई।
रिपोर्ट- अनीस आलम