राजस्थान चुनाव: भाजपा नेताओं ने टिकट कटने पर किया विरोध प्रदर्शन, पार्टी के झंडे तक जलाए
राजस्थान चुनाव के लिए सोमवार को बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में कई बड़े नेताओं के नाम काट गए हैं। इससे नाराज भाजपा नेताओं ने पार्टी दफ्तर के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। एक नेता के समर्थक ने तो पार्टी के झंडे तक जला दिए।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 41 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। इसके एक दिन बाद यानी मंगलवार को टिकट नहीं मिलने से नाराज कई नेताओं और उनके समर्थकों ने पार्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एक मामले में एक नेता के समर्थकों ने पार्टी के झंडे तक जला दिये। जयपुर में भाजपा के मुख्यालय पर ये प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा जिन 41 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सोमवार को पार्टी ने अपने उम्मीदावारों की घोषणा थी, उनमें से भी कुछ क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन किया गया।
"पैराशूट" उम्मीदवार को हटाने की मांग
पार्टी सूत्रों ने बताया कि कुछ नेताओं के असंतोष को देखते हुए भाजपा ने इस मामले की जांच के लिए केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है। झोटवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व भाजपा विधायक राजपाल सिंह शेखावत के समर्थकों ने इस सीट से भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की उम्मीदवारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। करीब तीन घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया गया। शेखावत के समर्थकों ने निर्वाचन क्षेत्र को बचाने के लिए "पैराशूट" उम्मीदवार को हटाने की मांग करते हुए नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पूर्व मंत्री शेखावत को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है और टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने कल देर रात उनसे मुलाकात की थी। शेखावत ने राजे से मुलाकात के बाद मीडिया से कहा, "41 उम्मीदवारों की सूची में 10 बागी हैं।"
मुकेश गोयल के समर्थकों ने झंडे जलाए
राजस्थान भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी और पार्टी नेता ओंकार सिंह लखावत ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से बात की। टिकट नहीं मिलने के बाद भाजपा नेता मुकेश गोयल ने कहा कि पार्टी को कोटपूतली में भारी हार का सामना करना पड़ेगा। पिछले विधानसभा चुनाव में गोयल कोटपूतली विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन वह जीत दर्ज नहीं कर पाये। गोयल ने मीडिया से कहा, ‘‘कोटपूतली में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ेगा और वह राजस्थान में 40-50 सीट पर सिमट जाएगी।" इस सीट से हंसराज पटेल की उम्मीदवारी के खिलाफ गोयल के समर्थकों ने पार्टी के झंडे जलाए।
कई नाराज बीजेपी नेताओं ने दिखाए तेवर
भरतपुर के नगर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहीं अनिता सिंह ने टिकट नहीं मिलने के बावजूद चुनाव लड़ने के संकेत दिये हैं। सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘क्या मान कर मुझे भाजपा ने अपने से दूर किया है। ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है जिसकी जमानत जब्त होगी।’’ सिंह भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमे की बताई जाती हैं। भाजपा ने इस सीट से जवाहर सिंह बेडम को मैदान में उतारा है। बेडम ने 2018 में कामां विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, वह हार गये थे। इसी तरह पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने भी भाजपा की ओर से जारी की गई उम्मीदवारों की सूची के खिलाफ बगावत तेवर दिखा दिये हैं। उन्हें बानसूर विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिलने की उम्मीद की थी, लेकिन भाजपा ने यहां से देवी सिंह शेखावत को टिकट दिया है। शर्मा ने कहा, ‘‘लोगों को टिकट वितरण प्रणाली से परेशान होने की जरूरत नहीं है। पहले भी लोगों को जाति और धनबल के आधार पर टिकट मिला, लेकिन वे हार गये।’’
बीजेपी की पहली लिस्ट में 1 राज्यसभा, 6 लोकसभा सांसद
बता दें कि चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के कुछ ही घंटों बाद भाजपा ने सोमवार को पहली सूची जारी कर दी थी। भाजपा ने राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए अपने 41 प्रत्याशियों की पहली सूची सोमवार को जारी की जिसमें राज्यवर्धन राठौड़ व बालकनाथ सहित सात मौजूदा सांसद के नाम भी शामिल हैं। इनमें से एक राज्यसभा का जबकि छह लोकसभा के सदस्य हैं। पार्टी ने पिछले चुनाव में हारे 12 उम्मीदवारों को भी फिर मौका दिया है।
(इनपुट- PTI)
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