राजस्थान में 1 मई से 18 से 45 आयु वर्ग का वैक्सीनेशन प्रारंभ नहीं किया जा सकता- चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा
राजस्थान की गहलोत सरकार में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 1 मई से 18 से 45 आयु वर्ग का वैक्सीनेशन प्रारंभ नहीं किया जा सकता है।
जयपुर। 1 मई से शुरू होने वाले कोरोना टीकाकरण के अगले चरण को राजस्थान में भी बड़ा झटका लगा है। राजस्थान की गहलोत सरकार में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 1 मई से 18 से 45 आयु वर्ग का वैक्सीनेशन प्रारंभ नहीं किया जा सकता है।
सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया से वैक्सीन की सप्लाई होनी है, लेकिन कंपनी ने राजस्थान को केवल 3 लाख संभावित डोज देने की हामी भरी है। ऐसे में पूरे प्रदेश में 18-45 आयु वर्ग का वैक्सीनेशन प्रोग्राम प्रारंभ नहीं किया जा सकता है। हमें संभावित 3 लाख वैक्सीन की डोज मिलने जा रही हैं, उन्हें सर्वप्रथम अधिक संक्रमण वाले शहरों को दिया जाएगा। इन शहरों में भी केवल 35-44 आयु वर्ग के लोगों का ही वैक्सीनेशन होगा। इसके बाद जब वैक्सीन की सप्लाई नियमित होगी तब तय आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन होगा।
राजस्थान को केंद्र सरकार की मदद की जरूरत: गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आक्सीजन व दवाओं की कमी पर चिंता जताते हुए शुक्रवार को केंद्र सरकार से मदद मांगी। गहलोत ने कहा है कि राजस्थान को केन्द्र सरकार की मदद की जरूरत है। गहलोत ने ट्वीट किया,‘‘ हमारा प्रयास है कि केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर कोरोना महामारी का मुकाबला करें। ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी बेहद व्यथित करने वाली है। हम केन्द्र सरकार से बार-बार निवेदन कर रहे हैं कि अन्य राज्यों और विदेशों से मदद लेकर राजस्थान एवं अन्य राज्यों की भी सहायता करें।’’
गहलोत के अनुसार राजस्थान में लगभग 1.70 लाख उपचाराधीन मरीज हैं। मानकों के अनुसार करीब 12 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, यानी राजस्थान में करीब 20,400 मरीजों को आज ऑक्सीजन की आवश्यकता है। उनके मुताबिक उपचाराधीन मरीजों की गणना के आधार पर आज राज्य को 466 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है लेकिन फिलहाल सिर्फ 265 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही मिल पा रही है और प्रदेश में करीब 201 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की कमी है। उन्होंने लिखा है कि राज्य में संक्रमित मामले देश के कुल संक्रमितों का पांच प्रतिशत है लेकिन ऑक्सीजन आवंटन सिर्फ 1.6 प्रतिशत है।
गहलोत के मुताबिक राज्य को एक सप्ताह के भीतर कुल 550 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अत: केन्द्र सरकार से पुन: अनुरोध है कि आपात स्थिति के तौर पर राज्य को 201 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आज ही आवंटित की जाए। उन्होंने कहा है कि हो सकता है कि केन्द्र सरकार ने बेहतर प्रबंधन की दृष्टि से ऑक्सीजन और दवाइयों का नियंत्रण अपने हाथ में लिया हो, लेकिन राज्य यदि एक दूसरे की मदद करना चाहते हैं तो भारत सरकार की देखरेख में उन्हें इसकी छूट दी जाए। गहलोत के कहा,‘‘हम पुन: केन्द्र से निवेदन करते हैं कि राजस्थान की सहायता करें। राजस्थान को केन्द्र सरकार की मदद की दरकार है।’’