जयपुर: पैगसस जासूसी मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफा मांगा और मामले की सुप्रीम कोर्ट से जांच करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी के 'चाल, चरित्र व चेहरे' को एक बार फिर उजागर कर दिया है। हालांकि मोदी सरकार पर सवाल खड़े कर रहे डोटासरा को शायद पता नहीं कि गहलोत सरकार ने पिछले साल सदन में खुद माना था कि वह फोन टैपिंग करती है।
राजस्थान सरकार भी फोन टैपिंग में थी शामिल
देश भर मे फोन टैपिंग के मामले को लेकर सियासी भूचाल मचा हुआ है और इस मुद्दे को लेकर दिल्ली से लेकर राजस्थान तक कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने मे लगी हुई है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी की राजस्थान की गहलोत सरकार प्रदेश में भी फोन टैप करवा रही थी। इस बात को खुद गहलोत सरकार ने सदन में माना है। दरअसल, पिछले वर्ष जब राजस्थान मे पायलट और गहलोत के बीच घमासान मचा हुआ था, उस वक्त कांग्रेस सरकार पर आरोप लगे थे कि सत्ता बचाने के लिए बागी विधायकों, बीजेपी नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों का फोन टैप किया जा रहा है।
बीजेपी विधायक सर्राफ ने सदन में पूछे थे सवाल
इस मसले को लेकर विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के विधायक काली चरण सर्राफ ने सदन में सवाल भी उठाया था कि क्या विगत दिवसों मे फोन टैप कराए गए थे। उन्होंने पूछा था कि यदि ऐसा हुआ था तो किसके आदेश पर और क्यों? इस सवाल पर विधानसभा में यह स्वीकार किया गया है कि लोक सुरक्षा या लोक व्यवस्था को खतरा होने पर फोन टैप होते हैं और राजस्थान पुलिस सक्षम अधिकारी से अनुमति लेने पर फोन टैप करती है। नवंबर 2020 तक के फोन टैपिंग प्रकरणो की मुख्य सचिव स्तर पर समीक्षा भी की जा चुकी है।
Image Source : India TVविधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के विधायक काली चरण सर्राफ ने सदन में सवाल भी उठाया था कि क्या विगत दिवसों मे फोन टैप कराए गए थे।
‘सुप्रीम कोर्ट से करवाई जाए मामले की जांच’
वहीं, मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए मंगलवार को डोटासरा ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से करवाई जाई। देश के गृहमंत्री अमित शाह को तुरंत प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए, उनका इस्तीफा लिया जाए। मैं तो कहता हूं कि देश के प्रधानमंत्री को भी अपने आप को पाक साफ साबित करने के लिए मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से करवानी चाहिए। यह बहुत ही संवेदनशील विषय है! देश की एकता, देश की सुरक्षा खतरे में है। किस तरीके से ये लोग शासन कर रहे हैं इसका नमूना पूरे देश दुनिया में सामने आ चुका है।’