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Hindi News राजस्थान फिर बेघर हुए पाकिस्तान से आए हिंदू, कलेक्टर टीना डाबी के आदेश के बाद घरों पर चला बुलडोजर

फिर बेघर हुए पाकिस्तान से आए हिंदू, कलेक्टर टीना डाबी के आदेश के बाद घरों पर चला बुलडोजर

कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी हिंदू महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है, सड़क पर सामान बिखरा पड़ा है और इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

Tina Dabi, Pakistani Hindus, Jaisalmer- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कलेक्टर टीना डाबी के आदेश पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की गई।

जयपुर: राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित अमर सागर इलाके में रह रहे हिंदू परिवारों के घरों को बुलडोजर से रौंद दिया गया। ये हिंदू परिवार पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए थे और लंबे वक्त से इस इलाके में रह रहे थे। जिला कलेक्टर टीना डाबी के आदेश के बाद UIT सहायक अभियंता की अगुवाई में पाकिस्तानी हिंदुओं के घरों पर बुलडोजर चलाने की इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। अमर सागर इलाके में रह रहे लोगों के घरों को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में रौंद दिया गया, जिससे महिलाएं और बच्चे भीषण गर्मी में सड़क पर आने के लिए मजबूर हो गए।

सड़क पर बिखर गया सारा सामान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में आतंक और सरकार के दमन से बचकर किसी तरह भारत आए ये लोग काफी वक्त से अमर सागर में रह रहे थे, लेकिन  जिला कलेक्टर टीना डाबी के आदेश पर इनके घरों को जमीदोज़ कर दिया गया। प्रशासन की इस कार्रवाई का इन हिंदू परिवारों की महिलाओं ने विरोध भी किया, लेकिन भारी पुलिसबल के साथ पहुंची प्रशासन की टीम ने इनके घरों को गिरा दिया। अब इस भीषण गर्मी में इन लोगों के सिर पर कोई छाया नहीं है। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है, सड़क पर सामान बिखरा पड़ा है और इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

Image Source : India TVपाकिस्तानी हिंदुओं के घर पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया।

भारत में भी छिन गई सिर से छत
बता दें कि पाकिस्तान में सताए गए हिंदू बड़ी संख्या में राजस्थान में बॉर्डर के पास के जिलों में आकर बसे हुए हैं। सीमा पार होने वाले उत्पीड़न से परेशान होकर भारत आए इन हिंदुओं की हालत यहां भी कुछ खास अच्छी नहीं है, लेकिन फिर भी इनके सिर पर छत थी और कम से कम से बगैर किसी डर के अपनी जिंदगी गुजार रहे थे। हालांकि जैसलमेर प्रशासन की हालिया कार्रवाई ने इनके सामने एक बार फिर बड़ा संकट पैदा कर दिया है। अब इन परिवारों के सिर पर न छत है, और न ही कोई ऐसा ठिकाना जिसे वे फिलहाल अपना कह सकें।