नई दिल्ली: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोनिया गांधी के इस्तीफे की खबरों पर कहा कि श्रीमती गांधी और राहुल जी ने दिखाया है कि जनता और पार्टी के लिए बलिदान करने का क्या मतलब है। अब समय सहमति बनाने और एकजुट होने का है। सचिन पायलट ने कहा कि जब हम एकजुट होंगे तो हमारा भविष्य और मजबूत होगा। उन्होनें कहा कि ज्यादातर कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल जी को पार्टी का नेतृत्व करते देखना चाहते हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि गांधी परिवार ने पार्टी को एकजुट रखा है और पार्टी नेतृत्व को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिखा गया पत्र एक दुर्भाग्यपूर्ण कदम है। गहलोत ने कहा कि उन नेताओं ने पार्टी के साथ लंबे समय तक काम किया है और उनसे यह उम्मीद नहीं थी जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने ऐसा पत्र लिखा है।
गहलोत ने कहा, ‘‘मुझे इस तरह के किसी पत्र के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन यदि यह सच है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इन सभी लोगों ने पार्टी के साथ लंबे समय तक काम किया है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की बागडोर 1998 में संभाली और सभी चुनौतियों के बावजूद उन्होंने पार्टी को एकजुट रखा हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘वह 1998 में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में पार्टी अध्यक्ष बनीं और पार्टी की रक्षक बनी रही हैं। आज स्वास्थ्य ठीक नहीं होने बावजूद उन्होंने 'कांग्रेस कुनबा' (पार्टी) को एक जुट बनाये रखा है। क्या यह कम बात है? उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र अभी खतरे में है और लोकतंत्र को बचाना एक चुनौती है इसलिये हमलोगों को पीछे नहीं हटना चाहिए। गांधी परिवार ने पार्टी को एकजुट रखा है और इस संकट की घड़ी में हमें उनकी जरूरत है।’’