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Hindi News राजस्थान 6 साल की उम्र में गांव से हुआ था लापता, एक दशक बाद मिला परिवार को इकलौता बेटा

6 साल की उम्र में गांव से हुआ था लापता, एक दशक बाद मिला परिवार को इकलौता बेटा

राजस्थान में एक परिवार को एक दशक बाद उनका इकलौता बेटा मिला है। लड़का अभी भी नाबालिग है। लड़का 6 साल की उम्र में अपने गांव से लापता हो गया था।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

हरियाणा पुलिस की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने एक दशक के बाद राजस्थान में एक परविार को उनके इकलौते बेटे से मिलवाया। लड़का अभी भी नाबालिग है। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि एडीजी ओपी सिंह ने सभी एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) के प्रभारियों को आदेश दिया है कि वे लापता बच्चों का डेटाबेस बनाने के लिए समय-समय पर हरियाणा बॉर्डर से लगे सभी राज्यों के बाल गृहों का दौरा करें।

बाल गृह में रह रहा था बच्चा

एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने लापता बच्चों की तलाश में पंजाब के पटियाला के राजपुरा में बाल गृह में वेलफेयर अधिकारी से कॉन्टैक्ट किया था। वेलफेयर अधिकारी ने उन्हें बताया कि उनके पास हरियाणा का कोई बच्चा नहीं है, लेकिन एक बच्चा था, जो बिना किसी पारिवारिक विवरण के यहां रह रहा था। काउंसलिंग के दौरान बच्चे ने अपना और माता-पिता का नाम बताया, जो बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले थे। बच्चे के पते पर कॉन्टैक्ट करने पर परिजनों ने कहा कि बच्चा उनका नहीं है।

छह गांवों के बारे में मिली जानकारी

आगे की काउंसलिंग के दौरान दलघर शब्द सामने आया। दलघर को इंटरनेट पर सर्च किया गया, जिससे छह गांवों के बारे में जानकारी मिली। प्रवक्ता ने कहा कि सभी राज्यों से कॉन्टैक्ट किया गया, तब पता चला कि दलघर राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित है। बच्चे की फोटो गांव भेजी गई, तो पिता ने बेटे को पहचान लिया। पिता को फोटो भी भेजी गई और वीडियो कॉल भी कराई गई। 

2013 में लापता हो गया था बच्चा 

इसके बाद पिता ने बताया कि उनका बेटा 10 साल पहले 2013 में अपने गांव से लापता हो गया था। उस समय उसकी उम्र छह साल थी। अमृतसर में बाल कल्याण परिषद के आदेश से जरूरी औपचारिकताओं के बाद नाबालिग को परिवार को सौंप दिया गया।