सीएम योगी आदित्यनाथ और महंत बालकनाथ में क्या हैं समानताएं? जो बनाए जा सकते हैं राजस्थान के मुख्यमंत्री
राजस्थान में चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद अब महंत बालकनाथ का नाम सीएम पद के लिए चर्चा में है। बालकनाथ अलवर लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी हैं और उनके गुरु भी यहीं से सांसद रह चुके हैं।
जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनावों के परिणाम आ चुके हैं। बीजेपी ने इन चुनावों में कांग्रेस को जबरदस्त मात दी है। जहां कांग्रेस रिवाज बदलने की बात कह रही थी वहीं बीजेपी ने राज ही बदल दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि नए सीएम के शपथ लेने तक वह कामकाज संभालेंगे। अब प्रदेश की जनता को नए सीएम का इंतजार है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी आलाकमान ने सीएम का नाम तय भी कर लिया है। हालांकि अभी इसका ऐलान नहीं किया गया है।
इस बीच चर्चाओं के बाजार गर्म हैं कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश वाला दांव राजस्थान में भी खेल सकती है। माना जा रहा है कि बीजेपी राजस्थान के सीएम के लिए महंत बालकनाथ के नाम का ऐलान कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो महंत बालकनाथ प्रदेश के 26वें सीएम बन जाएंगे। बता दें कि उनके समर्थक और बीजेपी के कार्यकर्ता बालकनाथ को राजस्थान का योगी भी कहते हैं और इन दोनों नेताओं के बीच में काफी समानताएं भी हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि दोनों नेताओं के बीच में क्या समानताएं हैं?
दोनों नेता रह चुके हैं लोकसभा सांसद
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद रह चुके हैं। वहीं महंत बालकनाथ अभी अलवर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के सांसद भी हैं। बता दें कि योगी आदित्यनाथ साल 1998 से 2017 तक लोकसभा सांसद रहे हैं। वहीं महंत बालकनाथ साल 2019 से अलवर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। इसके अलावा दोनों संतों के गुरु भी लोकसभा सांसद रह चुके हैं। सीएम योगी के गुरु महंत अवैधनाथ साल 1970 में और इसके बाद 1989 से 1996 तक गोरखपुर से सांसद रहे थे। इसके साथ ही बालकनाथ के गुरु महंत चांदनाथ भी 2014 में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।
दोनों ही नाथ पंथ से जुड़े और मठों के पीठाधीश्वर
इसके अलावा इन दोनों संतों के बीच नाथ पंथ की भी समानता है। दोनों ही नेता नाथ संप्रदाय से आते हैं। इसके साथ ही दोनों संत अपने-अपने मठों के प्रमुख भी हैं। जहां योगी आदित्यनाथ को 12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद इन्हें यहां का महंत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया। वहीं महंत चांदनाथ ने 29 जुलाई, 2016, को बालकनाथ को उनके उत्तराधिकारी के रूप में घोषित किया था। इस समारोह खुद में योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे। महंत चांदनाथ का निधन 17 सितंबर 2018 को हुआ था। इसके बाद से ही बालकनाथ बाबा मस्तनाथ मठ के पीठाधीश्वर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
दोनों नेता राजनीति में उतरने वाले अपने मठों के तीसरे संत
इसके अलावा अलवर की तिजारा सीट से विधायक चुने गए महंत बालकनाथ बाबा मस्तनाथ मठ से जनप्रतिनिधि बनने वाले तीसरे महंत हैं। बालकनाथ से पहले बाबा मस्तनाथ मठ के महंत श्रयोनाथ विधायक रहे चुके हैं और बाबा बालकनाथ के गुरु महंत चांदनाथ ने 2004 के उपचुनाव में जीतकर विधायक बने तह और वह 2014 में लवर से सांसद भी रहे थे। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ भी गोरखनाथ मंदिर से राजनीति में आने वाले तीसरे पीठाधीश्वर हैं। सीएम योगी से पहले महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवैधनाथ गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे चुके थे।