जयपुर: करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी का सोमवार को निधन हो गया। कालवी का जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में लंबे समय से इलाज चल रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अस्पताल में इलाज के दौरान ही देर रात कालवी को कार्डियक अरेस्ट आया था, और इसी के चलते कुछ देर बाद उनका निधन हो गया। 2022 में कालवी को ब्रेन स्ट्रोक आया था और उस समय भी सवाई मान सिंह अस्पताल में ही उनका इलाज किया गया था। कालवी का शव अंतिम दर्शन के लिए जयपुर के राजपूत सभा भवन में रखा जाएगा।
नागौर जिले में पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार
लोकेंद्र सिंह कालवी का अंतिम संस्कार नागौर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव कालवी में होगा। कालवी ने साल 2006 में 'श्री राजपूत करणी सेना' की स्थापना की थी। करणी सेना ने ‘पद्मावत’ और ‘जोधा अकबर’ जैसी फिल्मों का जमकर विरोध किया था। ‘पद्मावत’ की शूटिंग के दौरान जयपुर में जमकर हंगामा भी हुआ था। हालांकि कालवी ने कभी भी हिंसा को सही नहीं माना और उनका कहना था कि आंदोलनों को शांतिपूर्ण होना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री कल्याण सिंह कालवी के पुत्र लोकेंद्र को सर्वसमाज के लोगों को साथ लेकर चलने के लिए जाना जाता था। वह छुआछूत और भेदभाव के कट्टर विरोधी थे।
2003 में सामाजिक न्याय मंच का किया था गठन
करणी सेना के नेता लोकेंद्र सिंह कालवी ने 2003 में कुछ राजपूत नेताओं के साथ मिलकर सामाजिक न्याय मंच का गठन किया था और सवर्णों के लिए आरक्षण की मुहिम शुरू की थी। कालवी ने 2 बार लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके थे। उनके पिता कल्याण सिंह कालवी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सरकार में मंत्री थे। अपने पिता की असमय मौत के बाद कालवी की सियासत में एंट्री हुई थी। कालवी की पढ़ाई अजमेर में पूर्व राजपरिवारों के पसंदीदा स्कूल मेयो कॉलेज से हुई थी, और उनकी हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में अच्छी पकड़ थी।