रविंद्र सिंह भाटी ने किया चुनाव लड़ने का ऐलान, बाड़मेर जैसलमेर सीट से भरेंगे पर्चा
भाटी लगातार भाजपा के समीकरणों को प्रभावित करने में जुटे हुए हैं। उनके चुनाव लड़ने की संभावना को लेकर बीजेपी भाटी को मनाने का प्रयास कर रही है।
राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर रविंद्र सिंह भाटी बाड़मेर जैसलमेर सीट चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने यह निर्णय आज बाड़मेर आलोक आश्रम में सर्व समाज की बैठक में लिया। 4 अप्रैल को वह इस बाड़मेर-जैसलमेर सीट से नामांकन भरेंगे। उनके इस फैसले से भाजपा सकते में आ गई है। दरअसल, भाजपा ने बाड़मेर जैसलमेर सीट से कैलाश चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है लेकिन उनके सामने शिव विधानसभा के निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी दीवार बनकर सामने खड़े हैं। अब इस सीट पर रोचक त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा।
भाजपा ने की थी मनाने की कोशिश
बता दें कि रविंद्र सिंह भाटी ने पहले ही चुनाव लड़ने को लेकर संकेत दे दिए थे। तब से बीजेपी भाटी को मनाने का प्रयास कर रही है। सीएम भजन लाल शर्मा और सी.पी जोशी ने भी उनसे संपर्क किया था और उन्हें चुनाव न लड़ने को लेकर काफी मनाने की कोशिश की थी। लेकिन भाटी अपनी बात पर अड़े रहे और आज उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया। उनका मानना है कि अगर जनता ने उन्हें विधायक बनाया है तो वहीं जनता उन्हें सांसद भी बनाएगी।
यहां से भाजपा का खेल बिगड़ा
बताया जा रहा है कि भाटी ने शिव विधानसभा के लिए हैंडपंप स्वीकृति के लिए सीएम को एक लेटर लिखा था। जिसके बाद रविंद्र सिंह भाटी की अनुशंसा पर सरकार ने केवल दो हैंडपंप स्वीकृत किए। यहीं से भाजपा का खेल बिगड़ गया। माना जा रहा है कि दो हैंडपंप की स्वीकृति से रंविद्र सिंह को अपने आत्म सम्मान में ठेस महसूस हुई और उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया। उनके इस फैसले में उनके समर्थकों ने भी उनका साथ दिया।
भाटी के चुनाव लड़ने से होगा बीजेपी को नुकसान
अब आइए आपको बताते हैं कि अगर रविंद्र सिंह भाटी चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को कैसे नुकसान पहुंच सकता है। भाटी अगर बीजेपी के खिलाफ बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे तो हो सकता है कि भाजपा को इस सीट से हार का सामना करना पड़ जाए। भाटी का बाड़मेर जैसलमेर क्षेत्र में अच्छा खासा दबदबा है। वह युवाओं के बीच भी काफी मशहूर हैं। उनकी एक आवाज पर युवा कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। इससे पहले जब विधान सभा चुनाव होना था तब रविंद्र सिंह भाटी भाजपा में शामिल हुए थे और उन्होंने शिव विधानसभा से टिकट मांगा था लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। जिसके बाद वह नाराज हो गए और उन्होंने शिव विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत भी गए।
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