नहीं थम रही कोटा में मौतें, दो छात्रों ने की आत्महत्या; सरकार ने कोचिंग सेंटर्स को दिए ये निर्देश
कोटा में आत्महत्याएं बढ़ती जा रहीं है। बीते दिन दो छात्रों ने सुसाइड कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली है।
कोटा में सुसाइड के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। रविवार को कोटा में नीट परीक्षा की तैयारी कर रहे 2 छात्रों ने सुसाइड कर लिया है। इन छात्रों की मौत से पूरे इलाके में हड़कंप-सा मच गया है। राज्य सरकार भी इसे लेकर चिंतित दिख रही है। गहलोत सरकार ने रविवार को ही आनन-फानन में एक आदेश जारी कर कोचिंग संस्थानों को 2 महीने के लिए किसी भी टेस्ट को निलंबित करने का निर्देश दिया है। जानकारी दे दें कि नीट की तैयारी कर रहे दो छात्रों की रविवार को आत्महत्या कर ली, जिससे इस साल कोटा में मरने वाले छात्रों की संख्या 23 हो गई है।
अगस्त में हुईं इतनी मौतें
बता दें कि साल 2015 के बाद से यह संख्या अब तक की सबसे ज्यादा है, वहीं, 23 में से छह मौतें अकेले अगस्त माह में हुईं है, जिसके बाद प्रशासन ने रविवार को ही एक आदेश जारी कर कोचिंग संस्थानों को दो महीने के लिए कोई भी टेस्ट नहीं कराने का निर्देश दिया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मरने वाला एक छात्र महाराष्ट्र का था, जिसकी उम्र 16 वर्ष थी, छात्र ने कोटा के विज्ञान नगर इलाके में अपने कोचिंग संस्थान की छठी मंजिल से छलांग लगा दी। पुलिस ने आगे बताया, "किशोर ने दोपहर में निर्धारित साप्ताहिक टेस्ट देने के बाद अपने कोचिंग संस्थान में यह कदम उठाया है।"
वहीं, महज 6 घंटे बाद, बिहार का एक 18 वर्षीय छात्र अपने कमरे की छत के पंखे से लटक गया। बिहार का किशोर अपनी बहन और चचेरे भाई के साथ कुनाडी इलाके में एक किराए के अपार्टमेंट में रह रहा था। पुलिस ने आगे बताया कि आज शाम उसके भाई-बहनों ने उसे अपने ही कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया।" पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया जहां बाद में उसकी मौत हो गई। दोनों छात्र नीट की तैयारी कर रहे थे, एक अधिकारी ने कहा, "दोनों मामलों में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।"
2 महीनों तक परीक्षा न लेने का निर्देश
वहीं घटना के बाद रविवार देर रात, जिला संग्रह ओम प्रकाश बुनकर ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कोचिंग सेंटरों को अगले दो महीनों तक कोई भी परीक्षा न लेने का निर्देश दिया गया है"।
इन्हीं सब घटनाओं को देखते हुए कोटा जिला प्रशासन ने 17 अगस्त को सभी छात्रावासों और पीजी आवासों के सभी कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाने का आदेश दिया था। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में सात, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की मौत हुई। 2020 और 2021 में कोई आत्महत्या नहीं हुई।
ये भी पढ़ें:
शादी के बाद कई सालों तक सूनी थी गोद, अब महिला ने एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म, सभी स्वस्थ; VIDEO